Mallikarjun Kharge on Nirmala Sitharaman for Nehru Attack: लोकसभा में संविधान पर चर्चा का पीएम मोदी ने जवाब दिया था। आज राज्यसभा में भी संविधान पर चर्चा हो रही है। संविधान पर बहस के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर हमला करने को लेकर निर्मला सीतारमण पर कटाक्ष करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मुझे उन्हें बताना होगा कि मैं भी पढ़ना जानता हूं। मैंने म्यूनिसिपैलिटी स्कूल में पढ़ाई की है। निर्मला सीतारमण ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। यह तय है कि उनकी अंग्रेजी अच्छी होगी, उनकी हिंदी अच्छी होगी, लेकिन करतूत अच्छी नहीं है।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा, ‘अब उनको बताना पड़ता है कि हमें भी थोड़ा-थोड़ा पढ़ना आता है। हम तो म्यूनिसिपैलिटी स्कूल में पढ़ें हैं। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। निश्चित है कि उनकी अंग्रेजी अच्छी हो सकती है, उनकी हिंदी भी अच्छी हो सकती है। सभी कुछ अच्छा हो सकता है, लेकिन उनकी करतूत अच्छी नहीं है।’ अहमद फराज की शायरी ‘तुम खंजर क्यों लहराते हो…’ से खड़गे ने सरकार पर तंज किया।

रामलीला मैदान में जलाए गए थे पुतले- खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘जो लोग राष्ट्रीय ध्वज से नफरत करते हैं, जो हमारे ‘अशोक चक्र’ से नफरत करते हैं, जो संविधान से नफरत करते हैं। ऐसे लोग हमें सिखाने की कोशिश कर रहे हैं। जब संविधान बनाया गया था, तो इन लोगों ने इसे जला दिया था। जिस दिन संविधान अपनाया गया था, उन्होंने रामलीला मैदान (दिल्ली में) में बाबासाहेब अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी के पुतले जलाए थे।’

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ क्यों लाया गया अविश्वास प्रस्ताव?

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 1949 में आरएसएस नेताओं ने भारत के संविधान का विरोध किया क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं था। न तो उन्होंने संविधान को स्वीकार किया और न ही तिरंगे को। 26 जनवरी 2002 को पहली बार मजबूरी में आरएसएस हेडक्वार्टर पर तिरंगा फहराया गया। क्योंकि इसके लिए कोर्ट का आदेश था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंदिरा गांधी की सरकार के समय बांग्लादेश की आजादी का जिक्र किया और कहा कि एक लाख लोगों को बंदी बनाना आसान काम नहीं। लेकिन आयरन लेडी इंदिरा गांधी ने बता दिया कि हमारे करीब आए तो खैर नहीं।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कांग्रेस को कई मुद्दों पर घेरा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लोकतंत्र जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, वह गौरव की बात है। उन्होंने पहली अंतरिम सरकार से ही संविधान के प्रावधानों पर कैंची चलाने से लेकर पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार के अभिव्यक्ति की आजादी पर कैंची चलाने और संविधान सभा के सदस्य कामेश्वर सिंह तक का जिक्र कर कांग्रेस को घेरा। वित्त मंत्री ने मजरुह सुल्तानपुरी के पंडित नेहरू के खिलाफ कविता लिखने के लिए गिरफ्तार किए जाने और बलराज साहनी को गिरफ्तार किए जाने का जिक्र करते हुए भी कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि हमें वादों से भारत को आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने पिछले 75 साल की यात्रा का जिक्र करते हुए भी संविधान को लेकर कांगेस को घेरा और ‘किस्सा कुर्सी का’ फिल्म की रिलीज पर रोक का भी जिक्र किया।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस पार्टी परिवार और वंशवाद की मदद करने के लिए बेशर्मी से संविधान में संशोधन करती रही। ये संशोधन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए थे, इस प्रक्रिया का इस्तेमाल परिवार को मजबूत करने के लिए किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि मैं ऐसे राजनीतिक नेताओं को जानती हूं जिन्होंने उन काले दिनों को याद रखने के लिए बच्चों के नाम मीसा के नाम पर रखने का फैसला किया और अब उन्हें उनके साथ गठबंधन करने में भी कोई आपत्ति नहीं है। ‘मैं आपका सम्मान कैसे कर सकता हूं?’ राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को लेकर ये क्या बोल गए खड़गे पढ़ें पूरी खबर…