Amit Shah Controversy: राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ‘आंबेडकर-आंबेडकर जपने’ को लेकर बयान दिया था और इसे विपक्षी दलों ने लपक लिया है। आज संसद से लेकर सड़क तक पर इसका विरोध जारी है। कांग्रेस ने अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लोकसभा और राज्यसभा में खूब हंगामा हुआ और हंगामे के बाद काग्रेस ने शाह के बयान को आंबेडकर का बयान बताते हुए कहा कि है कि अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना होगा।

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए अमित शाह से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने अमित शाह के बयान को दोहराते हुए कहा कि क्या आंबेडकर का नाम लेना गुनाह है क्या? अमित शाह ने कहा है कि वह उसी वक्त इसका जवाब देना चाहते थे, लेकिन उन्होंने सदन की कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए चुप रहना उचित समझा था।

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मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- अमित शाह ने किया आंबेडकर का अपमान

मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज पार्टी के सांसदों ने एक होकर अमित शाह के बयान का विरोध किया है। बाबा साहेब का अमित शाह ने अपमान किया। इसलिए मैं अमित शाह से इस्तीफे की मांग करता हूं।

इतना ही नहीं, उन्होंने आगे कहा कि वे संविधान की जगह मनुस्मृति लागू करना चाहते हैं। बाबा साहब आंबेडकर ने ऐसा नहीं होने दिए, इसीलिए उनसे इन्हें इतनी नफरत है।

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बाबा साहब को खड़गे ने बताया भगवान

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्रियों को यह समझना चाहिए कि मेरे जैसे करोड़ों लोगों के लिए बाबा साहब भगवान से कम नहीं है। खड़गे ने कहा कि वे दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के लिए मसीहा हैं।

क्या बोले थे अमित शाह?

अब सवाल यह उठता है कि आखिर अमित शाह ने कहा क्या था, तो बता दें कि संविधान पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि आज कल बाबा साहब आंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बन गया हैं। हर बात कर आंबेडकर आंबेडकर, आंबेडकर आंबेडकर करने वाले अगर भगवान का नाम लेते तो उन्हें स्वर्ग मिल जाता।

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पीएम मोदी ने शाह के बचाव में संभाला मोर्चा

अमित शाह के खिलाफ आक्रामक होती कांग्रेस और इस्तीफे की उठती मांगों के बीच पीएम मोदी ने मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने कहा कि एक्स पर ट्वीट पर कांग्रेस के पुराने कारनामे याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी भी बाबा साहब का सम्मान नहीं किया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल साइट एक्स पर लिखा, “अगर कांग्रेस और उसका सड़ा हुआ तंत्र यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई वर्षों के कुकर्मों, खासकर डॉ. आंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं, तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं।

पीएम मोदी ने कहा है कि भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. आंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है। डॉ. आंबेडकर के प्रति कांग्रेस के पापों की सूची में उन्हें एक बार नहीं बल्कि दो बार चुनावों में हराना शामिल है।

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पीएम मोदी ने कांग्रेस की गिनाई गलतियां

अमित शाह के बचाव में और कांग्रेस पर आक्रामक होते हुए पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि पंडित नेहरू द्वारा उनके खिलाफ प्रचार करना और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाना शामिल है। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार करना शामिल है। संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को सम्मानपूर्ण स्थान न देना शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, लेकिन वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासन में हुए हैं। वे वर्षों तक सत्ता में रहे, लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे लिखा कि संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। कांग्रेस तथ्य को जानती है। यही कारण है कि वे अब नाटकबाजी कर रहे हैं। दुख की बात है कि उनके लिए, लोग सच्चाई जानते हैं।