Karnataka Caste Survey: कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस की ही सरकार द्वारा कर्नाटक में अनुसूचित जाति (एससी) उप-जातियों के चल रहे सर्वेक्षण पर चिंता जताई है। खड़गे ने कहा कि बेडा जंगमा समूह को एससी सूची में शामिल करना दलित समुदाय के हित के खिलाफ होगा। खड़गे ने यह बयान उस मौके पर दिया जब कांग्रेस ने राज्य में अपनी सरकार के दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर विजयनगर जिले के होस्पेट में एक रैली का आयोजन किया था।

इस कार्यक्रम में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार भी मौजूद थे। यह देखते हुए कि सिद्धारमैया सरकार ने एससी समुदायों के लिए उप-कोटा लागू करने के लिए कदम उठाए हैं, खड़गे ने एससी समुदायों में बेडा जंगमा समूह को शामिल करने की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हिस्से के रूप में सूचीबद्ध लिंगायत समुदाय से संबंधित है।

आज की बड़ी खबरें…

कांग्रेस अध्यक्ष ने क्या कहा?

कांग्रेस प्रमुख ने सिद्धारमैया सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “हम लिंगायत समुदाय के गरीबों का समर्थन करेंगे और उनका समर्थन करेंगे लेकिन, बेडा जंगमा को एससी सूची में शामिल करने के बाद, उनकी संख्या सिर्फ 500 से बढ़कर अब चार से पांच लाख कैसे हो गई।” खड़गे ने इसे सीधे तौर पर अनुचित बताया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगर बेडा जंगमा को एससी में शामिल किया जाता है, तो यह अछूत एससी के खिलाफ जाएगा। उन्होने पूछा कि क्या इस कदम का कथित तौर पर “एससी के अधिकारों को एक-एक करके छीनना है। खड़गे ने कहा कि लोगों की मदद करने के लिए, राज्य सरकार द्वारा आंतरिक एससी आरक्षण शुरू किया जा रहा है। इस समय, अगर अन्य जातियों को शामिल करके इसे विफल करने का प्रयास किया जा रहा है, तो इससे न तो राज्य और न ही देश को मदद मिलेगी।

शादी के नाम पर 25 दूल्हों को धोखा देने वाली ‘लुटेरी दुल्हन’ गिरफ्तार, इस ट्रिक से पुलिस ने महिला को किया अरेस्ट

कर्नाटक में कितनी दलितों की कितनी हिस्सेदारी?

कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा 2015-2017 में सिद्धारमैया के सीएम के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान किए गए सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक सर्वेक्षण या जाति सर्वेक्षण के अनुसार, बेडा जंगमा समूह को लिंगायत और एससी दोनों समुदायों में शामिल किया गया है। जाति सर्वेक्षण के अनुसार, लिंगायत श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत बेडा जंगमाओं की संख्या 50,242 है, जबकि एससी श्रेणी के तहत समूह के लोगों की संख्या 3.82 लाख है।

बता दें कि कर्नाटक की आबादी में दलितों की हिस्सेदारी 19% है। यह विवाद इस आरोप से उपजा है कि लिंगायत श्रेणी के तहत सूचीबद्ध कई बेडा जंगमाओं को उत्तरी कर्नाटक के कुछ हिस्सों में कथित तौर पर एक ही जाति का नाम साझा करने के कारण “फर्जी एससी जाति प्रमाण पत्र” जारी किए गए थे।

उमर अब्दुल्ला ने खीर भवानी मंदिर में की पूजा-अर्चना, जानें कश्मीरी पंडितों के लिए क्यों खास ये धार्मिक स्थल

‘राहुल गांध की बदनामी न हो’

पिछले नवंबर में सिद्धारमैया सरकार ने अनुसूचित जातियों के लिए आंतरिक आरक्षण पर न्यायमूर्ति नागमोहन दास आयोग का गठन किया था। खड़गे की टिप्पणी तब आई है जब यह आयोग 5 मई से सरकार द्वारा किए जा रहे अनुसूचित जातियों की उप-जातियों के राज्यव्यापी सर्वेक्षण की निगरानी कर रहा है।

खड़गे ने सरकार को यह भी चेतावनी दी कि केएससीबीसी की जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पर कहा कि अगर यह सबकुछ केवल क्रेडिट लेने के लिए किया जा रहा है तो यह राज्य में नई समस्याएं पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि मैं कुछ स्पष्ट रूप से कहना चाहता हू। सर्वेक्षण करें लेकिन यह ठीक से किया जाना चाहिए और राहुल गांधी को इससे बदनाम नहीं होना चाहिए।

आतंकी हमले की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर रद्द किया गया प्रधानमंत्री का कश्मीर दौरा- मल्लिकार्जुन खड़गे

‘किसी की ओर से कोई मध्यस्थता नहीं हुई…’, ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक सीजफायर पर बोले कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद