NIA and ED Raid Against PFI: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर ED और NIA की एक साथ छापेमारी के विरोध में अब कांग्रेस के सीनियर नेता और उच्च सदन में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘वे(BJP) हमेशा विरोधियों को गिरफ़्तार करना, जेल में डालना, CBI, ED, IT पीछे लगाने का काम कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि इस देश में कोई (विपक्ष) नहीं रहे और सिर्फ वही रहें और अगर लोकतंत्र में कोई आवाज़ उठाता है तो वे उस आवाज़ को भी बंद करना चाहते हैं।’

इसके पहले गुरुवार को देशभर में पीएफआई के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई जिसमें पीएफआई अध्यक्ष सहित लगभग 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके विरोध में पीएफआई ने शुक्रवार (23 सितंबर) को सुबह 6 बजे से लेकर शाम को 6 बजे तक 12 घंटे बंद का आह्वान किया है। केरल के तिरुवनंतपुरम में पीएफआई कार्यकर्ताओं ने एक ऑटोरिक्शा और एक कार को क्षतिग्रस्त कर दिया है। जिसके बाद केरल हाई कोर्ट ने मामले को स्वतः संज्ञान में लेते हुए कहा, कोर्ट इस हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया है और बंद बिना अनुमति के किया गया और उसी दौरान हिंसा हुई है इस सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

गुरुवार को देशभर में PFI नेताओं की गिरफ्तारी के बाद हुआ हंगामा

गुरुवार को देशभर में NIA की ओर से गुरुवार को राज्य और देश भर में पीएफआई नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में पीएफआई ने केरल में शुक्रवार को हड़ताल बुलाई। पीएफआई के राज्य मीडिया समन्वयक ए अब्दुल सत्तार ने कहा,’गिरफ्तारी आरएसएस नियंत्रित फासीवादी केंद्र सरकार के एक छिपे हुए एजेंडे का हिस्सा है। केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल असहमति की आवाजों को दबाने के लिए किया जाता है। सभी लोकतांत्रिक विश्वासियों को संवैधानिक मूल्यों और नागरिक अधिकारों को कुचलने वाले फासीवादी शासन के खिलाफ हड़ताल का समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए।’

15 राज्यों में 93 ठिकानों पर छापेमारी

इसके पहले 22 सितंबर को NIA ने PFI पर देश के 15 राज्यों के 93 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें सबसे ज्यादा केरल- में 39 ठिकानों पर, फिर तमिलनाडु में 16 ठिकानों पर, उसके बाद कर्नाटक में 12, आंध्र प्रदेश में 7, महाराष्ट्र में 4, राजस्थान में 4 उत्तर प्रदेश में 2 उत्तर प्रदेश-2,दिल्ली-2, असम, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, बिहार और गोवा में एक-एक स्थानों पर छापेमारी की। इस अभियान में NIA के लगभग 300 अधिकारी शामिल रहे। NIA डीजी ने ऑपरेशन की निगरानी की।