महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती पर लोगों को गुरु परब का मर्म समझाया। आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा कि श्री गुरु नानक देवजी का प्रकाश पर्व उनके उपदेशों के सार को याद करने का दिन है।

उनका कहना था कि भगवान हमारे अंदर हैं और आंतरिक रूप से स्वयं को बदलना बाहरी बदलाव की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा था कि आपकी जो भी आस्था हो, यह दृष्टिकोण हमें बेहतर लोग और दुनिया को एक बेहतर स्थान बना सकता है…। आनंद महिंद्रा के ट्वीट पर लोगों ने भी गुरु पुरब का अलग-अलग अर्थ बताया। यूजर @black_horse7 ने लिखा कि जहां आप खड़े हो वहीं मंदिर हे,जो कर्म आप कर रहे हो वोही साधना हे,उसके पीछे आखिर मे परमात्मा की खोज है।

एक अन्य यूजर @amazingjsr ने लिखा कि नानक नाम चढ़दी कला, तेरे बहाने सरबत दा भला। यूजर @KhemaniGhanshy1 ने लिखा कि सब कोई आंतरिक परिवर्तन की यात्रा पर है। कुछ लोग इस यात्रा में आगे निकल गए हैं और कुछ लोग उनका अनुसरण कर रहे हैं। यूजर @asdhanjal ने लिखा कि गुरु नानक देव जी ने सभी को 3 सुनहरे नियमों का उपदेश दिया।

नाम जपो- भगवान को याद करो और ध्यान करो। किरत करो- ईमानदारी से जीवनयापन करो, अपना कर्तव्य निभाओ। वंड छको- जो आपके पास है, उसे दूसरों को परोसें।  इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती पर सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी।

पीएम ने कामना की कि उनके विचार समाज की सेवा करने के लिए एवं बेहतर संसार सुनिश्चित करने के लिए सभी को प्रेरित करते रहें। सिखों के पहले गुरु का जन्म ननकाना साहिब में 1469 में हुआ था। ननकाना साहिब अब पाकिस्तान में है।  प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘मैं इस प्रकाश पर्व पर श्री गुरु नानक देव जी को नमन करता हूं।

उनके विचार हमें समाज की सेवा करने और एक बेहतर संसार सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करते रहें।’’ उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी गुरु नानक देव जी की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि सिख धर्म के संस्थापक अपने उदार जीवन के जरिए सत्य, करुणा और पवित्रता का प्रतीक बने रहे।