महाराष्ट्र की सियासत में पवार गेम अभी भी जारी है। जहां भतीजे अजित पवार ने चाचा शरद पवार का साथ छोड़ शिंदे सरकार से हाथ मिला लिया है वहीं शरद पवार का कहना है कि एनसीपी पर उनका हक है। लेकिन अब धीरे-धीरे अजित पवार के साथ दूसरे पाले में गए विधायक फिरसे शरद पवार की ओर लौट रहे हैं।
महाराष्ट्र के सतारा जिले की वाई विधानसभा सीट से विधायक मरकंद जाधव पाटिल तीसरे विधायक हैं, जिन्होंने एक हफ्ते में अजित पवार का साथ छोड़ दिया है। इससे पहले रामराजे नाईक-निंबालकर और दीपक चव्हाण भी अजित पवार का साथ छोड़ शरद पवार के साथ आ चुके हैं।
किन शर्तों पर हुई है वापसी
अजित पवार और जाधव पाटिल के समर्थकों के बीच बैठक का एक कथित वीडियो दिखाता है कि पाटिल की ऐसा करने के पीछे अपनी कुछ शर्तें हैं। एक कर्ज में डूबे किसान वीर और खंडाला चीनी कारखानों को वित्तीय मदद, और वाई विधायक के लिए कैबिनेट में जगह। सूत्रों ने बताया कि औपचारिक रूप से पाला बदलने के बाद अजित पवार और जाधव-पाटिल ने बंद कमरे में बैठक की।
शरद पवार का साथ छोड़ एक विधायक अजित पवार के पाले में
विधायकों के पाला बदलने का सिलसिला दोनों ही तरफ से जारी है। जहां अजित पवार का साथ छोड़ विधायक शरद पवार की तरफ गए हैं वहीं किरण लामहाटे अजित के कैंप में आ गए हैं। हालांकि महाराष्ट्र की सियासत में बरकरार दांव-पेंच के बीच यह सवाल अभी भी बरकरार है कि पवार पॉलिटिक्स में किसका पावर ज़्यादा है। एक तरफ अजित पवार ने चाचा शरद पवार को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा अपना नाम आगे किया है वहीं शरद पवार ने भतीजे अजित पवार समेत उनके सभी सहयोगियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
शरद पवार का कहना है कि पार्टी उनकी है और इसे कोई नहीं छीन सकता, अब सवाल यह की आखिर इस सवाल का सही जवाब क्या है। जनता इसे लेकर क्या राय रखती है। आइए समझते हैं।
ABP C वोटर की ओर से किए गए सर्वे में कई सवालों को लेकर जनता से राय मांगी गई है। इस सवाल के जवाब में अजित पवार के मुकाबले चाचा शरद पवार ने बाज़ी मार ली कि कौन पार्टी का प्रमुख है। 66 प्रतिशत लोगों का मानना है कि शरद पवार ही एनसीपी के प्रमुख हैं। जबकि 25 प्रतिशत अजित पवार को मानते हैं।