देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल के निर्णय को चुनौती देने वाली शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को की। शीर्ष अदालत शक्ति परीक्षण कराने की शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए।
अदालत ने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को भी नोटिस जारी किए। अदालत ने कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल शिवसेना की तरफ से पेश हुए और उन्होंने रविवार के दिन जजों को हुई परेशानी के लिए माफी मांगने के साथ बहस शुरू की।
कपिल सिब्बल ने कहा कि चुनाव पूर्व गठबंधन टूट गया, तीनों दलों की चुनाव के बाद गठबंधन की कोशिशें चल रही है। सिब्बल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बिना राष्ट्रपति शासन हटाए जाने को अजीब बताया। सिब्बल के मुताबिक, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार ने अजीब तरीके से शपथ ली, राज्यपाल दिल्ली से मिल रहे सीधे निर्देशों पर काम कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन को रद्द करने की सिफारिश करने वाले राज्यपाल के फैसले से पक्षपात की ‘बू ’आती है। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से आज ही यानी रविवार को सदन में शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया।