मुंबई में एक कैंटीन कर्मचारी को थप्पड़ मारने वाले शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने एक बार फिर नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस बार उन्होंने दक्षिण भारतीयों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की है। संजय गायकवाड़ ने दावा किया कि दक्षिण भारतीयों को खाने के ठेके नहीं दिए जाने चाहिए क्योंकि वे ‘डांस बार और लेडीज बार’ चलाते हैं और उन्हें अच्छा खाना परोसना नहीं आता।

डांस बार चलाते हैं साउथ इंडियन- संजय गायकवाड़

शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए कहा, “शेट्टी नाम के ठेकेदार को ठेका क्यों दिया गया? किसी मराठी व्यक्ति को दिया जाए। वे जानते हैं कि हम क्या खाते हैं और हमें अच्छी क्वालिटी का खाना देंगे। दक्षिण भारतीय डांस बार और लेडीज बार चलाते हैं और महाराष्ट्र की संस्कृति को खराब करते हैं। उन्होंने हमारे बच्चों को भ्रष्ट कर दिया है। वे अच्छा खाना कैसे परोसेंगे?”

मंगलवार को संजय गायकवाड़ द्वारा एक कैंटीन कर्मचारी को गाली देने और थप्पड़ मारने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसकी वजह से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत कई नेताओं का गुस्सा भड़क उठा था। विधायकों के लिए बने मुंबई के आकाशवाणी छात्रावास में गायकवाड़ गुस्से में सभी को दाल का एक पैकेट सुंघाते नजर आए। आखिरकार उन्होंने ठेकेदार को भी वह पैकेट सुंघाया और फिर उसे थप्पड़ और घूंसा मार दिया।

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बाद में समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए शिवसेना विधायक ने इस घटना पर कोई खेद नहीं जताया और कहा कि अगर कोई लोकतांत्रिक भाषा नहीं समझता है, तो उसे इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना ही पड़ता है।

पूरे मामले पर शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा था, “मैं माफ़ी नहीं मांगूंगा। सीएम और डिप्टी सीएम ने जो भी कहा वो उनका कर्तव्य है। मैं उनके शब्दों का सम्मान करता हूं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि होटल की जांच होनी चाहिए। मुझे कोई पछतावा नहीं है। मैं ज़हर खाने वाला था। दूसरे लोग ये नहीं समझ सकते, इसलिए मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है।”

फडणवीस ने लगाई थी फटकार

इस पूरे मामले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है। फडणवीस ने कहा कि अगर खाना अच्छा नहीं था, तो विधायक इसकी शिकायत कर सकते थे। उन्होंने कहा, “लेकिन इस तरह पिटाई और उसका वीडियो सामने आने से हमारी छवि पर असर पड़ता है। इससे जनता में गलत संदेश जाता है। एक विधायक के तौर पर जनता के सामने आपका (विधायक गायकवाड़ का) ऐसा व्यवहार ठीक नहीं है। सभापति और विधानसभा अध्यक्ष को इस पर ध्यान देना चाहिए और तय करना चाहिए कि इस पर क्या कार्रवाई की जाए।”