महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मां आशा पवार ने बुधवार को मंदिर शहर पंढरपुर का दौरा किया। इस दौरान आशा पवार ने अजित और उनके चाचा और एनसीपी (SP) प्रमुख शरद पवार के एक होने के लिए प्रार्थना की। आशा पवार ने मंदिर शहर में विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में दर्शन करने के बाद पत्रकारों से कहा कि सभी विवाद खत्म होने चाहिए। शरद पवार और अजित पवार को फिर से एक होना चाहिए। आशा पवार ने कहा कि उन्होंने अजित पवार की सभी इच्छाएं पूरी होने के लिए भी प्रार्थना की है।
शरद पवार हमारे देवता हैं- प्रफुल्ल पटेल
महाराष्ट्र चुनाव परिणामों के बाद एक महीने से भी कम समय में अजित पवार और शरद पवार के एक साथ आने की बात प्रफुल्ल पटेल ने भी की है। अजित के नेतृत्व वाली एनसीपी के वरिष्ठ सदस्य प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ”शरद पवार हमारे देवता हैं। हमारे मन में उनके प्रति उच्च स्तर का सम्मान है। अगर पवार परिवार एक साथ आता है तो इससे हमें बेहद खुशी होगी। मैं खुद को पवार परिवार का सदस्य मानता हूं।”
एनसीपी विधायक नरहरि ज़िरवाल ने भी यही बात दोहराते हुए कहा, “शरद पवार साहब को छोड़ना (जून 2023 में विभाजन के बाद) अजीब लगा। कई लोग ऐसा ही महसूस करते हैं। अब मैं उनके पास जाऊंगा और उनसे (और अजित से) साथ आने का आग्रह करूंगा। पवार साहब समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए लगातार काम कर रहे हैं।”
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जितेंद्र अव्हाड को बाधा मानते एनसीपी नेता
एनसीपी प्रवक्ता अमोल मिटकारी ने कहा कि चाचा-भतीजे की जोड़ी एक साथ आ सकती है, अगर दोनों प्रयास करें। उन्होंने कहा, “कुछ एनसीपी (SP) नेता जैसे कि जितेंद्र अव्हाड (शरद पवार के प्रमुख सहयोगी) और रोहित पवार (शरद पवार के पोते) इसमें बाधा हो सकते हैं। वे दोनों को एक साथ आना कभी पसंद नहीं करेंगे। लेकिन आशा ताई की प्रार्थनाएं दोनों एनसीपी समूहों के प्रत्येक कार्यकर्ता की प्रार्थना हैं। हम सभी को लगता है कि हमें एक साथ आना चाहिए।”
वहीं पूरे मामले पर जितेंद्र अव्हाड ने कहा कि इस संबंध में कोई भी निर्णय लेना उनके विशेषाधिकार में नहीं है और पवार परिवार को स्वयं निर्णय लेना होगा। उन्होंने कहा, ”अगर आशा पवार कह रही हैं कि पवारों को एक साथ आना चाहिए, तो मैं क्या कह सकता हूं? यह उनका पारिवारिक मामला है। उन्हें फैसला लेना होगा। मैं क्या सोचता हूं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। पढ़ें 11 नक्सलियों ने CM फडणवीस के सामने किया सरेंडर