महाराष्ट्र में पिछले कुछ महीनों से चर्चा में चल रहे शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले पर आज फैसला आएगा। महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर 34 याचिकाओं पर बुधवार को अपना फैसला सुनाएंगे। यह याचिकाएं दो प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुटों ने जून 2022 में पार्टी में विभाजन के बाद 54 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए एक दूसरे के खिलाफ दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर फैसले के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा तय की थी और बाद में इसे 10 जनवरी तक बढ़ा दिया था।
वहीं, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) ने शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों की तरफ से एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर फैसला सुनाने के लिये निर्धारित 10 जनवरी की समय-सीमा से महज तीन दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच हुयी मुलाकात को अनुचित करार देते हुये सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर कर इसकी निंदा की है। खबरों के अनुसार नार्वेकर ने सात जनवरी को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में शिंदे से मुलाकात की।
राहुल नार्वेकर और सीएम शिंदे की मुलाकात पर बवाल
शिवसेना (यूबीटी) नेता सुनील प्रभु ने लंबित याचिका के संबंध में दायर एक आवेदन में कहा, ‘‘यह सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि विधानसभा) अध्यक्ष का शिंदे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय करने से सिर्फ तीन दिन पहले उनसे मुलाकात करना बेहद अनुचित है।’’ अधिवक्ता निशांत पाटिल के माध्यम से आठ जनवरी को दायर आवेदन में कहा गया है कि संविधान की 10वीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता से संबंधित) के तहत निर्णायक प्राधिकारी के रूप में विधानसभा अध्यक्ष को निष्पक्ष एवं बिना किसी भेद भाव के कार्य करना आवश्यक है।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने सीएम और नार्वेकर की मुलाकात पर कहा कि अध्यक्ष कभी मुख्यमंत्री के पास नहीं जाते। अगर आप फैसला देने से पहले वहां जाते हैं तो क्या आप उनसे सलाह लेने जाते हैं? अगर कानून के दायरे में फैसला लिया गया तो शिंदे के 100 फीसदी विधायक अयोग्य हो जाएंगे।
वहीं, शिवसेना विधायक की अयोग्यता पर आज होने वाले फैसले पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, “हमारा कहना है कि इस राज्य के मुख्यमंत्री गैरकानूनी तरीके से सत्ता में बैठे हैं। वे हमारे हिसाब से एक अपराधी हैं। आज फैसला है और देश के प्रधानमंत्री 12 जनवरी को महाराष्ट्र आ रहे हैं इसका मतलब क्या है? अगर आपको पता है कि आज फैसला आने वाला है, संविधान कहता है कि ये सरकार गैरकानूनी है, संविधान के हिसाब से फैसला हो तो सरकार गैरकानूनी हो सकती है और सरकार बर्खास्त हो सकती है फिर भी पीएम यहां आ रहे हैं इसका मतलब पीएम को फैसले के बारे में जानकारी है।”
ठाकरे गुट के किन विधायकों पर लटकी अयोग्यता की तलवार?
उद्धव ठाकरे गुट के जिन विधायकों पर अयोग्यता की तलवार लटकी है उनमें सुनील राऊत, नितिन देशमुख, कैलास पाटिल, अजय चौधरी, सुनील प्रभु, रवीन्द्र वायकर, भास्कर जाधव, राजन साल्वी, वैभव नायक, राहुल पाटिल, उदय सिंह राजपूत, रमेश कोरगांवकर, संजय पोटनीस, प्रकाश फातरपेकर के नाम शामिल हैं।
शिंदे गुट के किन विधायकों पर लटक रही है अयोग्यता की तलवार?
गुट के जिन विधायकों पर अयोग्यता की तलवार लटकी है उनमें एकनाथ शिंदे, अब्दुल सत्तार, संदीपन भुमरे, संजय शिरसाट, तानाजी सावंत, यामिनी जाधव, चिमनराव पाटिल, भरत गोगावे, लता सोनावने, प्रकाश सुर्वे, बालाजी किनिकर, अनिल बाबर, महेश शिंदे, संजय रायमुलकर, रमेश बोरनारे, बालाजी कल्याणकर हैं।