बीजेपी और शिवसेना दशकों तक साथ रहे, लेकिन 2019 में जब गठबंधन टूटा तब इसकी चर्चा पूरे देश में हुई। लेकिन आपको यह भी जानना होगा कि 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन टूट गया था। तब बीजेपी और शिवसेना ने अलग चुनाव लड़ा था। हालांकि चुनाव के बाद दोनों दल एक हो गए थे और देवेंद्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। अब देवेंद्र फडणवीस ने बताया है कि 2014 में बीजेपी ने शिवसेना को सीएम पद ऑफर किया था और अधिक सीटें लड़ने के लिए दी थी।
बीजेपी-शिवसेना में क्यों आई खटास?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि 2014 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना ने अलग होने का फैसला क्यों किया। फडणवीस ने खुलासा किया कि सीट बंटवारे पर असहमति उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ गठबंधन वार्ता की विफलता के पीछे मुख्य कारण थी।
शिवसेना को CM पद का था ऑफर
फडणवीस ने कहा, “जब गठबंधन की बातचीत शुरू हुई, तो उस समय की शिवसेना ने अपने मन में तय कर लिया था कि उसे केवल 151 सीटों पर चुनाव लड़ना है। जबकि हमारा प्रस्ताव था कि हम 127 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और शिवसेना 147 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हम बाकी सीटें अपने छोटे गठबंधन सहयोगियों को देंगे।” फडणवीस ने खुलासा किया कि भाजपा ने शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद ऑफर किया था। हालांकि उनके अनुसार शिवसेना समझौता करने को तैयार नहीं थी, जिससे वार्ता में गतिरोध पैदा हो गया।
फडणवीस ने कहा, “इस कारण से मामला आगे नहीं बढ़ सका, जबकि हमने उन्हें बहुत समझाया कि हम 127 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और आप 147 सीटों पर चुनाव लड़ें, आपका मुख्यमंत्री होगा और हमारा उपमुख्यमंत्री। वे समझौता करने को तैयार नहीं थे।”
हालांकि बाद में 2014 के विधानसभा चुनाव बीजेपी 122 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी और शिवसेना बाद में बीजेपी के साथ आ जाती है। फिर देवेंद्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री बनते हैं। वहीं 2019 विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों दलों के बीच खटपट थी, लेकिन दोनों दल साथ में चुनाव लड़े। हालांकि चुनाव बाद काफी ड्रामा हुआ और शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ चली गई। इसके बाद 2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत कर ली और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। बाद में एकनाथ शिंदे को शिवसेना नाम और चुनाव चिन्ह भी मिल गया और अभी भी वह बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं।