महाराष्ट्र में एनसीपी के बीच भी कुछ वैसी ही खींचतान शुरू हो गई है जैसी कुछ समय पहले शिवसेना में देखने को मिली है। शरद पवार से बगावत कर भतीजे अजित पवार बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए हैं। रविवार को बड़े सियासी उलटफेर के बीच अजित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 8 अन्य विधायक भी सरकार में शामिल हो गए। इसे शरद पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अब शरद पवार के पास कुछ ही विधायक बचे हैं। अजित पवार ने शपथग्रहण के बाद पार्टी पर भी अपना दावा ठोक दिया है। अजित पवार से बगावती तेवरों के बाद एनसीपी की ओर से कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।

कौन किस पाले में?

अजित पवार के साथ 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ले ली है। अजित पवार के समर्थन में अब तक सुनील शेलके, दिलीप मोहिते, दिलीप बनकर, माणिकराव कोकाटे, नितीन पवार, चंद्रकांत नवघरे, राजेंद्र कारेमोरे, मनोहर चंद्रिकापुरे, राजेश नरसिंग पाटील, इंद्रनील नाईक, छगन भुजबल, शेखर निकम, प्रकाश सोलखे, दीपक चव्हाण, संग्राम जगताप, चेतन तुपे, अण्णा बनसोडे, नरहरी झिरवळ,सरोज अहिर, अदिती तटकरे, अतुल बेनके, दिलीप वलसे पाटील, संजय बनसोडे, अनिल पाटील, हसन मुश्रीफस धर्मराव आत्राम और धनंजय मुंडे जैसे नेता आ चुके हैं। इतना ही नहीं, कई सांसद भी अजित पवार के साथ बताए जा रहे हैं। एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के साथ हैं।

इसके अलावा शरद पवार के समर्थन में रोहित पवार, बालासाहेब पाटिल, अनिल देशमुख, जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, प्राजक्त तनपुरे और सुनील भुसारा का नाम सामने आ चुका है। इनके अलावा कई विधायक ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बालासाहेब आजबे, राजेंद्र शिंगणे, आशुतोष काले और नवाब मलिक को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। सूत्रों का कहना है कि अजित पवार की ओर से इनसे भी संपर्क किया गया था।

कानूनी जंग शुरू

एनसीपी ने अजित पवार समेत उन विधायकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है जो रविवार को शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हुए हैं। देर रात महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और आठ अन्य लोगों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है। पाटिल ने कहा कि अयोग्यता याचिका स्पीकर राहुल नार्वेकर को भेज दी गई है। इसके साथ ही चुनाव आयोग को भी ईमेल किया गया है।