महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फोन टैपिंग मामले में सोमवार को कहा कि मैं जेल जाने से डरता हूं। इसके अलावा उन्होंने मुंबई पुलिस द्वारा पूछे गए सवालों पर आपत्ति जताई। महाराष्ट्र के विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि वह सवालों का जवाब देने या कारावास का सामना करने से नहीं डरते।

गौरतलब है कि फडणवीस से रविवार को दो घंटे तक मुंबई पुलिस ने पूछताछ किया। इसको लेकर सोमवार महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र में जोरदार हंगामा हुआ। देवेंद्र फडणवीस ने सवालों के बारे में कहा, “पहली प्रश्नावली का मसौदा एक गवाह से जानकारी प्राप्त करने की दृष्टि से तैयार किया गया था। दूसरी प्रश्नावली में, एक आरोपी से पूछताछ करने का दृष्टिकोण था।”

वहीं देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि पूछताछ से पहले उन्हें जो सवाल भेजे गए वो सवाल गवाहों से पूछे जाने वाले थे लेकिन जब पुलिस पूछताछ के लिए पहुंची तो आरोपियों से पूछे जाने वाले सवाल पूछे गये। उन्होंने कहा कि मुझसे पूछा गया कि, ‘आपको लगता नहीं कि आपने ऑफिशियल सीक्रेट ऐक्ट का उल्लंघन किया है?’

सम्मन को लेकर फडणवीस ने कहा, “मुझे मुंबई पुलिस से एक प्रश्नावली मिली थी। इसको लेकर मैंने उन्हें लिखित में अपनी सहमति दी और उन्हें सूचित किया कि मैं उन सवालों का जवाब दूंगा। इसके बाद मुझे नोटिस दिया गया।”

उन्होंने कहा “मेरे पास फोन टैपिंग से संबंधित एक प्रतिलेख था। इसे सार्वजनिक करने के बजाय, मैंने इसे केंद्रीय गृह सचिव को सौंप दिया क्योंकि यह बेहद गोपनीय था और इसमें वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।”

हालांकि गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने इस बात से इनकार किया कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस के साथ एक आरोपी की तरह व्यवहार किया गया था। पुलिस ने सिर्फ जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से फडणवीस से पूछताछ की। यह बात गलत है कि उनके साथ एक आरोपी के रूप में व्यवहार किया गया। उन्हें कोई सम्मन नहीं दिया गया था।”

वहीं फडणवीस ने कहा, “पुलिस को जेल में बंद मंत्री नवाब मलिक से पूछताछ करनी चाहिए क्योंकि वह एनसीपी नेता थे जिन्होंने “मीडिया में टैप की गई बातचीत को लीक किया।” फडणवीस ने महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार द्वारा उन्हें मामले में फंसाने के प्रयास किया जा रहा है।

जेल जाने को लेकर उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसे परिवार से आता हूं, जो लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने से नहीं डरता। भाजपा नेता ने कहा, “मेरे दिवंगत पिता (गंगाधरराव फडणवीस) को पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल के खिलाफ आवाज उठाने के चलते दो साल के लिए जेल में बंद कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना जारी रखूंगा और महा विकास अघाड़ी शासन में घोटालों का पर्दाफाश करूंगा।

मीडिया से बात करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “जो पेन ड्राइव मैंने दिया था उसमें जो घटनाएं हैं उसमें सरकार खुद षडयंत्र कर रही है,जिसका मैंने पर्दाफाश किया है। सरकार कहती है कि इसकी जांच हम पुलिस से करेंगे। राज्य की पुलिस सरकार की ही जांच कर पाएगी? हमारी मांग है कि ये पूरा मामला CBI को सौंपा जाए।”

बता दें कि राज्य एसआईटी विभाग की पूर्व प्रमुख रश्मि शुक्ला से जुड़े फोन टेपिंग केस (पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला) से जुड़े मामले में गोपनीय जानकारी लीक करने का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस से पुलिस ने पूछताछ की है।