महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में 11 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। प्रमुख नक्सली नेता तारक्का सिदाम ने भी समर्पण कर दिया है। यह समर्पण गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय में हुआ, जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नक्सलियों का स्वागत किया और उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया। 31 दिसंबर को ही फडणवीस ने गढ़चिरौली के गार्जियन मिनिस्टर के रूप में काम जारी रखने का निर्णय लिया था।

उत्तरी गढ़चिरौली हुआ नक्सलवाद से मुक्त

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ”उत्तरी गढ़चिरौली नक्सलवाद से मुक्त हो गया है। दक्षिणी गढ़चिरौली भी नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा। पुलिस और जिला प्रशासन की पहल के कारण पिछले कुछ समय में जिले का एक भी युवा नक्सली में शामिल नहीं हुआ है। चार-पांच साल से महाराष्ट्र में नक्सलियों की भर्ती खत्म हो गई है। 38 साल तक नक्सल आंदोलन का हिस्सा रहे और इसे फैलाने का काम करने वाले तारक्का को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने आज आत्मसमर्पण कर दिया। आने वाले समय में महाराष्ट्र से नक्सलवाद का सफाया हो जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने जो समन्वय स्थापित किया है, उससे देश के अन्य राज्य भी महाराष्ट्र के सी-60 मॉडल को अपनाएंगे।”

1982 में जिला घोषित हुआ गढ़चिरौली

बता दें कि 1982 में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में चंद्रपुर जिले को विभाजित करके बनाया गया गढ़चिरौली जिला राज्य के क्षेत्रफल का 4.68 प्रतिशत है। इस जिले में 12 तहसीलें हैं जिसमें गढ़चिरौली, आरमोरी, चामोर्शी, मुलचेरी, अहेरी, एट्टापल्ली, भामरागढ़, देसाईगंग, धनोरा, कुखेड़ और कोरची है। इसका 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सा वन क्षेत्र में है। हालांकि यह आदिवासी क्षेत्र भारत के रेड कॉरिडोर का हिस्सा है और पिछले सात दशकों से यहां नक्सली गतिविधियां तेज रही हैं। लेकिन यह खदानों और खनिजों जैसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध क्षेत्र भी है।

फडणवीस क्यों बने रहना चाहते हैं गढ़चिरौली के गार्जियन मिनिस्टर? 50 हजार करोड़ का हो चुका है निवेश

पहले गढ़चिरौली को पुलिस अधिकारियों के लिए सजा के तौर पर देखा जाता था। सत्ता में रहने वाली सरकारें भी जिले की जिम्मेदारी उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वालों को सौंपती थीं। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता रहे स्वर्गीय आर आर पाटिल ने गढ़चिरौली के संरक्षक मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने का साहसिक निर्णय लिया था।

फडणवीस के नेतृत्व में महायुति सरकार बेरोजगारी से त्रस्त आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए बड़े निवेश परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की संभावना है। फडणवीस ने कहा, “जिले में नक्सलवाद अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। प्रमुख नक्सली संचालकों पर या तो घात लगाकर हमला किया गया है या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है। अगले तीन वर्षों में, हमारा इरादा गढ़चिरौली को नक्सल मुक्त बनाने का है।” पढ़ें देवेंद्र फडणवीस को जब बच्चे ने सुनाई हनुमान चालीसा, तो क्यों ठहाका लगा हंस पड़े CM