राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मंगलवार को मुंबई में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और राज्य में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें “लव जिहाद के बढ़ते मामले” शामिल हैं। एनसीडबल्यू द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक शर्मा ने राज्यपाल से कहा कि राज्य में ‘लव जिहाद ’के मामलों में वृद्धि हुई है। उन्होने सहमति से अंतर-धार्मिक विवाहों और लव जिहाद के बीच के अंतर को उजागर किया।

एनसीडब्ल्यू चेयरपर्सन ने राज्य के मुख्य सचिव को कोविड अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था पर अपनी चिंताओं से अवगत कराया। शर्मा ने कहा “मरीज और डॉक्टर अस्पतालों में यौन हमले का शिकार हो रहे हैं। अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। अस्पतालों में कोविड -19 सकारात्मक महिलाओं के छेड़छाड़ के कम से कम 11 मामलों का उल्लेख करते हुए, शर्मा ने पूरी तरह से पृष्ठभूमि की जांच करने के बाद शहर के अस्पतालों को कर्मचारियों को नियुक्त करने का अनुरोध किया।

इसे मुलाक़ात को लेकर एनसीडब्ल्यू ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट भी किया। जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। एनसीडबल्यू ने पोस्ट में लिखा “हमारी चेयरपर्सन रेखा शर्मा महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी से मिलीं और राज्य में महिला सुरक्षा समेत वन स्टॉप सेंटर्स को बंद करने, कोविड सेंटर्स पर महिला मरीजों के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार और बढ़ते लव जिहाद के मुद्दों पर चर्चा की।” इस मामले में ‘लव जिहाद’ का ज़िक्र किए जाने के बाद लोगों ने रेखा शर्मा को निशाने पर लिया।

लोग सोशल मीडिया पर शर्मा को महिला आयोग से हटाने की मांग करने लगे। ऋचा लखेरा नाम के यूज़र ने उनका एक पुराना ट्वीट निकालकर सवाल पूछा कि आख़िर ऐसी महिला महिला आयोग की अध्यक्ष कैसे हो सकती है। कांग्रेस की को-ऑर्डिनेटर लवण्या बल्लाल ने लिखा, ‘मुझे खुशी है कि देश अब रेखा शर्मा को हटाने की माँग कर रहा है। यूपी में बलात्कार के मामलों को उठाने और बीजेपी नेताओं द्वारा महिलाओं के बारे में ग़लत टिप्पणी करने के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग करने पर मुझे कुछ महीने पहले एनसीडब्ल्यू और रेखा शर्मा द्वारा ब्लॉक कर दिया गया था। यह शर्मनाक है कि उनकी जैसी महिला एनसीडब्ल्यू का नेतृत्व कर रही है।’