महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार 2019 से हैं। हालांकि महाराष्ट्र के बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक सीटें मिली थीं लेकिन शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने एक साथ गठबंधन करके सत्ता हासिल की। इस गठबंधन के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार को अहम किरदार माना जाता है।

इस गठबंधन के बाद से शरद पवार की महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से धाक जम गई। बता दें कि महाराष्ट्र की सियासत को लेकर पत्रकार सुधीर सूर्यवंशी की एक किताब में 2019 भाजपा के हाथ से सत्ता जाने के राज के बारे में लिखा गया है। किताब में लिखा है कि कैसे एक समय भाजपा के हाथों में आई सत्ता हाथ से निकल गई।

बता दें कि पत्रकार सुधीर सूर्यवंशी महाराष्ट्र के ही हैं। उनकी एक किताब ‘चेकमेट: हाऊ द बीजेपी वन एंड लॉस्ट द स्टेट’ में उन्होंने नवंबर 2019 में महाराष्ट्र की राजनीति में हुई उथल-पुथल के बारे लिखा है। दरअसल 2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा के सबसे अधिक सीटें मिलीं। लेकिन उसकी परंपरागत सहयोगी शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली।

अपनी किताब में सुधीर सूर्यवंशी ने बताया है कि कैसे 2019 में बीजेपी ने सत्ता पाने की कोशिश तो की लेकिन एनसीपी के युवा नेताओं ने ऐसा होने नहीं दिया। दरअसल शिवसेना के अलग होने से भाजपा ने शरद पवार के भतीजे अजित पवार को अपने साथ सरकार बनाने के लिए राजी कर लिया। इतना ही नहीं बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फणनवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सामने सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया।

घटनाक्रम कुछ इस तरह से तेजी से बढ़ा कि राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री के पद की शपथ भी दिलवा दी। इस पूरे घटनाक्रम के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने घर पर एनसीपी के विधायकों बुलाने का फैसला किया।

हालांकि इस बैठक में कुछ विधायक शामिल नहीं हुए। पता चला कि वो चार्टर प्लेन से हरियाणा के गुरुग्राम के लिए उड़ान भर चुके हैं। उन्हें वापस लाने के लिए शरद पवार ने पार्टी के कद्दावर और अनुभवी नेताओं को लगाया। इसकी कमान राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरज शर्मा को दी गई।

बता दें कि धीरज शर्मा ने राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया दूहन को गुरुग्राम जाने वाले विधायकों की लोकेशन पता लगाने की जिम्मेदारी दी। पता चला कि सभी विधायकों के लिए गुरुग्राम के एक बड़े होटल में इंतजाम किया गया है। लेकिन उनकी सुरक्षा में सख्त पहरा है और उनसे कोई मिल नहीं सकता।

बता दें कि उस समय भी हरियाणा में बीजेपी की खट्टर सरकार थी। इस पूरे इंतजाम के बाद भी सोनिया और धीरज शर्मा ने विधायकों के कमरों का पता लगाया। उन्हें वहां से निकालने के लिए सीक्रेट प्लान बनाया गया और उसमें करीब 180 लोगों की टीम शामिल हुई। जिसमें स्थानीय महिलाओं को भी लगाया गया।

किताब के मुताबिक सोनिया दूहन होटल के एक सीनियर अधिकारी को अपने प्लान में शामिल करने में कामयाब हो गईं। शरद पवार के इन युवा भरोसेमंद नेताओं ने होटल के लॉन्ड्री विभाग के प्रभारी को भी अपने प्लान का हिस्सा बनाया। लॉन्ड्री मैन के जरिए होटल में ठहरे विधायकों से संपर्क साधा गया। उनसे कहा गया कि होटल से निकालने के लिए शरद पवार ने उन्हें भेजा है।

इसके बाद उन विधायकों को होटल के पीछे वाले रास्ते से बाहर निकाला गया और सभी विधायकों को महाराष्ट्र पहुंचाया गया। जहां से भाजपा सत्ता से दूर होती गई। विधायक जैसे ही महाराष्ट्र पहुंचे एनसीपी की जान में जान आई और वो टूटने से भी बच गई। नतीजन भाजपा को सत्ता गंवानी पड़ी।