महाराष्ट्र की राजनीति में आज का दिन काफी अहम है। कौन सा विधायक किस गुट के साथ है यह आज होने वाली बैठक में साफ हो जाएगा। बुधवार को एनसीपी के शरद पवार और अजित पवार गुट ने बैठक बुलाई है। शरद पवार की बैठक यशवंत राव चव्हाण प्रतिष्ठान और अजित पवार गुट की बैठक MET बांद्रा में होनी है। शरद पवार की ओर से सभी विधायकों को ‘व्हिप’ जारी कर उन्हें उपस्थित रहने को कहा है। इस बैठक को शक्तिप्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि मंगलवार को अजित पवार ने महाराष्ट्र एनसीपी की नए कार्यालय का उद्घाटन किया। इस कार्यालय में शरद पवार की भी तस्वीर लगी हुई थी। अजित पवार ने भी पार्टी के सांसद और विधायकों से लेकर एमएलसी और सभी पदाधिकारियों को बैठक में बुलाया है।

किस खेमे के साथ कितने विधायक

आज होने वाली बैठक में दोनों खेमों की ओर से व्हिप जारी की गई है। शरद पवार खेमे की तरफ से मुख्य सचेतक जितेंद्र आह्वाड ने व्हिप जारी किया है। सभी विधायकों को वाई बी चव्हाण सेंटर में होने वाली बैठक में मौजूद रहने को कहा गया है। वहीं अजित पवार खेमे ने भी व्हिप जारी की है। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के कुल 54 विधायक है। जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत पार्टी को तोड़ने या अलग गुट के रूप में मान्यता पाने के लिए अजित पवार के कम से कम 36-37 विधायकों का होना जरूरी है। अजित पवार की ओर से दावा किया गया कि उनके साथ 42 विधायक हैं।

दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल सूत्रों का दावा है कि राजभवन में शपथ लेने वाले एनसीपी के 9 विधायकों के अलावा 23 विधायक भी वहां मौजूद थे। यानी इनकी कुल संख्या 32 होती है, जो टूट के लिए जरूरी दो-तिहाई की संख्या से कम है। इसमें भी 2 विधायक मकरंद पाटील और बालासाहेब पाटील वापस शरद पवार के पास लौट गए हैं।

क्या होती है व्हिप?

जब भी पार्टी की ओर से किसी खास मुद्दे पर बैठक बुलाई जाती है या सदन में फ्लोर टेस्ट आ किसी बिल के विरोध या समर्थन जैसे महत्वपूर्ण मामले हो तो पार्टी अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी करती है। दरअसल व्हिप विधायकों को क्रॉस वोटिंग से रोकने के लिए जारी की जाती है। व्हिप किसी भी राजनीतिक दल का एक अधिकारी होता है, जिसका काम विधायिका में पार्टी अनुशासन सुनिश्चित करना होता है। सामान्य भाषा में समझें तो इसे सचेतक भी कहा जाता है। इसका मतलब होता है कि संगठन के इस व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना है कि पार्टी के सदस्य अपनी व्यक्तिगत विचारधारा या अपनी इच्छा की बजाय पार्टी द्वारा तय किए नियमों या फैसलों को फॉलो करें। व्हिप तीन तरह के होते हैं। इसमें दो लाइन व्हिप में सदस्यों को निर्देश दिया जाता है कि वो वोटिंग के वक्त सदन में मौजूद रहें और इसमें वोटिंग के लिए खास निर्देश जारी किए जाते हैं।