महाराष्ट्र में हाल की राजनीतिक बदलाव से राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के सामने हिंदूवादी सोच के लोगों को जोड़ने का नया अवसर आया है। इसकी वजह से पार्टी अपने झंडे को बदलने का निर्णय लिया है। अभी पार्टी के झंडे में केसरिया, नीली और हरी धारियां हैं। पार्टी अपने झंडे को बदलने की सोच रही है – जिसमें वर्तमान में केसरिया, नीली और हरी धारियां हैं। पार्टी झंडे को एक रंग केसरिया में करना चाहती है, जिसमें बीच में उभरा हुआ छत्रपति शिवाजी की मुहर रहेगी।
बाल ठाकरे की जयंती पर होगा सम्मेलन : पार्टी 23 जनवरी को मुंबई में एक विशेष सम्मेलन करने जा रही है। इसी दिन बाल ठाकरे की जयंती भी है। इस सम्मेलन में नए झंडे का अनावरण किया जा सकता है। हाल के विधानसभा चुनावों में राज ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने केवल एक सीट जीती थी। कल्याण ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के प्रमोद रतन पाटिल विजेता बने थे। पार्टी ने इस बार कुल 101 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। 2014 में पार्टी को 13 सीटें मिली थीं। तब मतों का प्रतिशत 5.71 था। यह हिस्सा अब घटकर 2.3 फीसदी हो गया है।
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कई शिवसैनिक एमएनएस में आने को इच्छुक : शिवसेना का कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन को एमएनएस नेता पार्टी के लिए एक अच्छा अवसर के रूप में देख रहे हैं। पार्टी चाहती है कि इस मौके का फायदा उठाकर खुद को राज्य में एक बड़ी हिंदूवादी पार्टी के तौर पर खड़ा करें। उनका मानना है कि राज्य में कई ऐसे शिवसैनिक हैं, जो शिवसेना के निर्णये से परेशान हैं, लेकिन बीजेपी से भी दूरी रखना चाहते है। ऐसे लोग एमएनएस का समर्थन कर सकते हैं।
पार्टी का मानना है कि बीजेपी उन्हें साथ ले सकती है : मनसे नेताओं ने यह भी मानना है कि बीजेपी उन्हें शिवसेना के विकल्प के रूप में जगह दे सकती है। नेताओं ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाने पर विचार करने का संकेत दिया है। एमएनएस नेता बाला नंदगांवकर ने कहा, “अतीत में हमने शिवसेना, भाजपा और यहां तक कि कांग्रेस-एनसीपी की मदद की थी। लोग यह भी जानते हैं कि अतीत में किन पार्टियों ने हमारी मदद की है। किनके साथ पार्टी गठबंधन करे यह पार्टी अध्यक्ष फैसला लेंगे। हालांकि कोई भी पार्टी हमेशा दुश्मन नहीं होती है।”