Maharashtra News: बीजेपी नेता और महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री नितेश राणे अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं और इस बार उन्होंने मुसलमानों को लेकर विवाद खड़ा करने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गोल टोपी और दाढ़ी वाले उन्हें वोट नहीं देते हैं तो मैं उन उर्दू बोलने वाले लोगों का समर्थन क्यों करूंगा? इतना ही नहीं, उन्होंने मुसलमानों को हरा सांप तक कह दिया है।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक नितेश राणे ने कहा, “गोल टोपी और दाढ़ी वालों ने मुझे वोट नहीं दिया। मैं हिंदुओं के वोट से विधायक बना हूं। अगर मैं हिंदुओं का समर्थन नहीं करूंगा, तो क्या उर्दू बोलने वालों का समर्थन करूंगा?” नितेश राणे ने कहा, “सभी मुस्लिम हरे सांप हैं, मुंबई का डीएनए हिंदू है। मैं हमेशा हिंदुओं का समर्थन करता रहूंगा।”
नितेश राणे बोले- महाराष्ट्र में हिंदुत्व विचार की सरकार
नितेश राणे ने अपने बयान के जरिए हिंदुओं की एकता का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, “आपको सतर्क रहना चाहिए। हिंदुओं के तौर पर एक साथ आना समय की आवश्यकता है और यदि आप एक साथ आते हैं, तो यह हिंदुत्व सरकार की जिम्मेदारी है, जिसे आपने विकास के लिए चुना है। मैं पहले हिंदू हूं, फिर विधायक और मंत्री हूं। इसलिए आप इन सभी चीजों को ध्यान में रखें और अपने अस्तित्व को अपने तरीके से रखें।”
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कांग्रेस ने जताई बयान पर आपत्ति
नितेश राणे के बयान को लेकर सियासी पारा गर्म हो गया है और विपक्ष की तरफ से इस मुद्दे पर तीखे रिएक्शंस आए हैं। कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने कहा है कि नितेश राणे एक संवैधानिक पद पर हैं। उन्होंने संविधान की शपथ ली है और शपथ लेने के बाद वह मंत्री के पद पर है। ऐसे अहम पद पर बैठने के बावजूद इस तरह की बात करना और एक धर्म के प्रति ऐसी विचारधारा रखना बहुत गलत है।
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अबू आजमी ने भी उठाए सवाल
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी भी भड़क गए हैं। उन्होंने कहा, “उर्दू इस देश की भाषा है। अगर आप पुराने दस्तावेज देखेंगे, तो जितने भी जमीन के कागजात हैं, वे उर्दू में मिलेंगे। मैंने कल भी कहा था कि गांधी जी की हत्या की एफआईआर भी उर्दू में लिखी गई थी। आजादी से पहले से उर्दू इस देश की भाषा रही है और यहीं पैदा हुई है। यह बाहर से नहीं आई।”
अबू आजमी ने कहा कि नितेश राणे कौन होते हैं हमें बताने वाले? क्या मैं उनसे कहूं कि आप अपनी धार्मिक पुस्तक मराठी में पढ़ें, संस्कृत में या मूल भाषा में न पढ़ें? यह सब बातें नहीं होतीं। धर्म के बीच में दखल ज़रूरी नहीं होता है। नितेश राणे के बयान पर महाराष्ट्र की सियासत काफी गर्म हो गई है। अब देखना ये होगा कि इस मुद्दे पर बीजेपी का रुख क्या होता है।
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