Challenges before Maharashtra CM: देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार कार्यभार संभालने जा रहे हैं। हालांकि, उनके सामने कई बड़ी चुनौतियाँ खड़ी हैं। राज्य की आर्थिक स्थिति, लोकलुभावन योजनाओं का खर्च और गठबंधन की राजनीति को संतुलित करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारियों में शामिल होगा। महाराष्ट्र सरकार पर भारी कर्ज का दबाव है। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य को अगले सात सालों में 2.75 लाख करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना है। इससे कल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसा जुटाना मुश्किल हो गया है। सरकार की “माझी लड़की बहन योजना” के तहत 2.5 करोड़ महिलाओं को शामिल करना है, जिसके लिए हर साल 63,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
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इसके अलावा, अन्य योजनाओं में मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना (10,000 करोड़ रुपये), मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना (52 लाख परिवारों के लिए मुफ्त गैस सिलेंडर), लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए मुफ्त योजना (2,000 करोड़ रुपये) और बलिराजा बिजली रियायत योजना (14,716 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
बीएमसी चुनाव फडणवीस की प्राथमिकता
फडणवीस और उनके सहयोगी शिंदे के लिए सबसे बड़ा राजनीतिक लक्ष्य बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का नियंत्रण हासिल करना है। 85,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ, यह भारत का सबसे अमीर नगर निगम है, जिसे तीन दशकों से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना संभाल रही है। भाजपा और शिंदे गुट इसे जीतने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।
जातिगत समीकरण और मराठा आंदोलन
जातिगत मुद्दे महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं। भाजपा ने ओबीसी और मराठा समुदायों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है। हालांकि मराठा आरक्षण की माँग शांत होती दिख रही है, लेकिन फडणवीस को इस समस्या का स्थायी समाधान खोजना होगा ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।
गठबंधन के भीतर सामंजस्य बनाना भी एक चुनौती है। शिंदे गुट का रुख दिखाता है कि वे अपनी शर्तों पर ही काम करेंगे। फडणवीस को इस सहयोग को बनाए रखते हुए आगे बढ़ना होगा। देवेंद्र फडणवीस के लिए यह कार्यकाल कई मोर्चों पर चुनौतियों से भरा होगा। आर्थिक स्थिरता, राजनीतिक संतुलन और जनहित योजनाओं को समय पर लागू करना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकताएँ होंगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की प्रचंड जीत के बाद भी मुख्यमंत्री के नाम पर संशय बरकरार था। लगभग 10 दिनों तक चले उठापटक के बाद कल आखिरकार देवेंद्र फडणवीस ने सीएम और अजित पवार, एकनाथ शिंदे ने डिप्टी सीएम की शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद उपमुख्यमंत्री शिंदे ने गुरुवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री फडणवीस को हरसंभव सहयोग देंगे और एक टीम के रूप में काम करेंगे। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को बेहद सफल बताया। पढ़ें पूरी खबर