मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शरद पवार और उनके भतीजे पर उनके मजबूत गढ़ के लोगों को गुलाम बनाने का आरोप लगाने के कुछ दिन बाद राकांपा प्रमुख पवार ने रविवार को मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह निजी हमलों से सार्वजनिक बहस का स्तर गिराकर प्रधानमंत्री पद की प्रतिष्ठा से समझौता कर रहे हैं। पवार ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री पद एक संस्था है। इसकी गरिमा और प्रतिष्ठा बनाए रखना सभी का कर्तव्य है। यह दुख की बात है कि प्रतिष्ठा बनाए नहीं रखी जा रही है। प्रधानमंत्री पद को कमतर किया जा रहा है। प्रधानमंत्री सार्वजनिक बहस का स्तर कम कर रहे हैं।

उनके भाषणों में निजी हमलों को तरजीह दी जाती है। बारामती में इस हफ्ते की शुरुआत में एक चुनावी रैली में मोदी ने कहा था कि राकांपा का चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ उनके गलत कार्यां का प्रतीक है। उन्होंने आरोप लगाया कि शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार ने सभी क्षेत्रों में दबदबा कायम कर बारामती की जनता को गुलाम बनाया है।

महाराष्ट्र में भाजपा के चुनाव प्रचार में मोदी और अमेरिका के उनके भाषणों की तस्वीरों के प्रयोग पर आपत्ति करते हुए पवार ने कहा कि मोदी ने अमेरिका का दौरा देश के प्रधानमंत्री के तौर पर किया, भाजपा के नेता के तौर पर नहीं। जबकि उनके भाषणों को पार्टी प्रचार के तहत दिखाया जा रहा है। यह सत्ता का दुरुपयोग है। एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी के प्रदर्शन का आकलन करना जल्दबाजी है। सीमा पर तनाव के राजनीतिकरण के मोदी के आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें प्राथमिकताओं पर ध्यान देना चाहिए। कम से कम नियमित रक्षा मंत्री नियुक्त करें ताकि सीमा पर मौजूद बलों का मनोबल बढ़े।

राज्य में मोदी के प्रचार पर पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि हर नेता को अपनी पार्टी के लिए प्रचार का अधिकार है। लेकिन विधानसभा चुनावों में राज्य के मुद्दों को उठाया जाता है। राष्ट्रीय नेतृत्व को सीमा पर देखभाल करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए। पवार ने भाजपा पर अपने विज्ञापन अभियान से महाराष्ट्र का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य प्रति व्यक्ति आय, निवेश और औद्योगिक उत्पादन के क्षेत्रों में गुजरात से आगे है। उन्होंने कहा कि भाजपा को छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने आरएसएस विचारधारा के प्रचार के लिए सरकारी प्रसारक दूरदर्शन का उपयोग करने के लिए भी मोदी सरकार की निंदा की। पवार ने कहा- सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि आरएसएस प्रमुख का दशहरा भाषण समाचारपरक है। आरएसएस प्रमुख दशहरा के दौरान हर साल अपना भाषण देते हैं। पवार ने कहा कि अपनी विचारधारा को जनता पर जबरन थोपना चिंताजनक है। ऐसे में सामाजिक समरसता पर खतरा पैदा होता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा विरोधी मोर्चा बनता है तो मैं सहयोग को तैयार हूं।

मोदी की ओर से कृषि मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल की आलोचना के बारे में राकांपा प्रमुख ने कहा कि मंत्रालय में उनके उत्तराधिकारी ने कहा है कि गोदामों में खाद्यान्न भरा हुआ है। निश्चित रूप से यह मोदी के सत्ता संभालने के बाद रातभर में नहीं हुआ है। मोदी कृषिविदों को नीचा दिखा रहे हैं जिन्होंने देश के खाद्य उत्पादन को बढ़ाने के लिए काफी दर्द सहा।