महाराष्ट्र में सत्ताधारी तीनों दलों के बीच अभी तक सत्ता में हिस्सेदारी का बंटवारा नहीं हो सका है, जबकि सरकार के शपथ ग्रहण किए हुए एक सप्ताह हो चुके हैं। इसके अलावा सरकार विधान सभा में फ्लोर टेस्ट भी पास कर चुकी है। तीनों दलों के बीच बने नए फार्मुले के मुताबिक अब राज्य में एक ही उप मुख्यमंत्री होगा और यह कोटा एनसीपी के खाते में जाएगा।
माना जा रहा है कि एनसीपी की तरफ से अजित पवार राज्य के अगले डिप्टी सीएम होंगे। इसके अलावा एनसीपी के 16 मंत्री भी बनाए जाएंगे। यानी डिप्टी सीएम समेत कुल 17 मंत्री। फिलहाल दो मंत्रियों ने सीएम के साथ शपथ ली थी। नए फार्मुले के तहत शरद पवार की एनसीपी को सत्ता में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी मिलेगी। उसके बाद शिवसेना के मंत्री होंगे।
शिवसेना के हिस्से में सीएम के अलावा कुल 14 मंत्री का पद मिला है। गठबंधन में तीसरी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के एक स्पीकर के साथ-साथ कुल 13 मंत्री बनाए जाएंगे। पिछले गुरूवार (28 नवंबर) को सीएम के साथ तीनों दलों के दो-दो मंत्रियों ने शपथ ली थी। सत्ता बंटवारे का यह नया फार्मुला तब सामने आया जब दो दिन पहले एनसीपी चीफ शरद पवार ने दिल्ली में कहा था कि गठबंधन से उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।
माना जा रहा है कि पवार के इस पंच ने शिव सेना को उनकी शर्तें मानने के लिए बाध्य कर दिया। पवार ने एक इंटरव्यू में कहा था कि शिवसेना को सीएम मिला जबकि कांग्रेस को स्पीकर लेकिन उनकी पार्टी को कुछ नहीं मिला क्योंकि डिप्टी सीएम के पास कोई विशेष अधिकार नहीं होता है। वह एक कैबिनेट मंत्री के बराबर ही होता है।
माना जा रहा है कि 2000 किलोमीटर दूर रहकर दिल्ली में दिया गया पवार का यह बयान मुंबई में असर कर गया और तीनों दलों के बीच नए फार्मुले पर सहमति बनी है। विधानसभा में तीनों दलों की सीटों के हिसाब से देखें तो सदन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी सबसे शिवसेना के पास 56 विधायक हैं जबकि एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। हालांकि, तीनों दलों के बीच मंत्रालयों के बंटवारे के बारे में स्थिति अभी साफ नहीं हो सकी है।