महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार गठन के लिए बातचीत में कांग्रेस और एनसीपी ने ‘साझा न्यूनतम कार्यक्रम’ (CMP) बनाने की शर्त रख दी है। मंगलवार को कांग्रेस और एनसीपी की बैठक में दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस के एनसीपी-शिवसेना सरकार को बाहर से समर्थन देने वाले विकल्प को खारिज कर दिया। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “उन्होंने (शरद पवार) साफ किया कि सभी तीनों पार्टियां सरकार का हिस्सा बनेंगी।”

सूत्रों के मुताबिक पवार ने साफ किया है कि राज्य में गैर-बीजेपी सरकार गठन का एक मात्र तरीका यही है कि तीनों दल साथ आएं। हालांकि, मंगलवार को मुंबई पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल अपने अन्य साथियों, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल के साथ मुंबई पहुंचे। यहां उन्होंने “न्यूनतम साझा कार्यक्रम” (CMP) की शर्त पेश की। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अहमद पटेल ने कहा है, “जब तक राज्य के शासन संबंधी रोडमैप और तौर-तरीकों को अंतिम रूप नहीं दिया जाता, तब तक कांग्रेस ऐसा (सरकार में शामिल होने का) आश्वासन नहीं दे सकती।”

गौरतलब है कि कांग्रेस और एनसीपी दोनों ही पार्टियां शिवसेना के साथ हाथ मिलाकर अपनी सेक्युलर छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती हैं। दोनों ही दल पूर्व निर्धारित शर्त के तहत चाहते हैं कि शिवसेना सार्वजनिक रूप से अल्पसंख्यकों के विकास के ऊपर अपना रुख साफ करे। शरद पवार ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हम अपने सेक्युलर छवि के साथ समझौता किए बगैर, सरकार का गठन करेंगे।

हालांकि, इसके पहले कांग्रेस ने साफ किया है कि सीएमपी (Common minimum programme) को मुख्य एजेंडे में शामिल करना चाहिए, जिसमें कृषि ऋण माफी, बेरोजगारी भत्ता और नए उद्योगों में स्थानीय युवाओं के लिए नौकरी का कोटा शामिल हो। सूत्रों ने कहा कि पवार ने बैठक के दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन किया और इन मांगों को उठाया।