अजीत पवार के सहारे महाराष्ट्र की सत्ता पर दोबारा काबिज होने की तैयारी कर रही बीजेपी को जोरदार झटका लगा। देवेंद्र फडणवीस को जहां इस्तीफा देना पड़ा, वहीं अजीत पवार को एनसीपी चीफ शरद पवार कथित तौर पर माफ कर चुके हैं। अजीत ने कहा है कि उनके शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी मंत्रिमंडल में शामिल होने पर फैसला उद्धव ठाकरे करेंगे। अजीत पवार के साथ जाने का फैसला निश्चित तौर पर बीजेपी आलाकमान की सहमति के साथ लिया गया होगा। कम से कम पीएम द्वारा खास अधिकार का इस्तेमाल करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन खत्म करने के फैसले से तो यही संकेत मिलते हैं। हालांकि, अब बीजेपी के अंदर ही इस फैसले पर सवाल उठने लगे हैं।
सीनियर भाजपा नेता अजीत एकनाथ खडसे ने कहा, ‘मेरी निजी राय है कि बीजेपी को अजीत दादा पवार का समर्थन नहीं लेना चाहिए था। वह एक बड़े सिंचाई घोटाले के आरोपी हैं और उन पर कई आरोप हैं। इस वजह से हमें उनके साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था।’ क्या अजीत पवार के साथ हाथ मिलाना कोई गलती थी? यह सवाल पूछने पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह सही वक्त पर इस सवाल का जवाब देंगे।
उधर, एनसीपी नेता अजित पवार ने बुधवार को कहा कि वह अपनी पार्टी में बने रहेंगे और उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने का फैसला मनोनीत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लेंगे। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए पिछले सप्ताह भाजपा को समर्थन देने वाले अजित पवार ने कहा कि उनके एनसीपी में बने रहने के बारे में भ्रम ‘‘पैदा करने’’ की कोई वजह नहीं है। अजित पवार ने विधान भवन परिसर में कहा, ‘‘अभी मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है, मैं सही समय आने पर बोलूंगा। मैंने पहले भी कहा था कि मैं एनसीपी में हूं और मैं एनसीपी में ही रहूंगा। भ्रम पैदा करने की कोई वजह नहीं है।’’
Senior BJP leader Eknath Khadse: My personal opinion is that BJP should not have taken support of Ajit Dada Pawar. He is an accused in the massive irrigation scam and faces many allegations, so we should not have allied with him pic.twitter.com/fjzhmikpDW
— ANI (@ANI) November 27, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी से भी नाखुश नहीं हूं। मेरी पार्टी मुझे जो जिम्मेदारी देगी, मैं उसे स्वीकार करूंगा।’’इस बीच एनसीपी विधायक रोहित पवार ने बुधवार को कहा कि उन्हें भरोसा था कि उनके चाचा अजित पवार पार्टी में लौट आएंगे और उन्हें खुशी है कि अजित पवार ने पार्टी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। उन्होंने यह भी कहा कि पवार परिवार ‘‘एकजुट’’ है और हमेशा रहेगा। शरद पवार के बड़े भाई अप्पासाहेब पवार के पोते रोहित पवार ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘मैं भरोसा नहीं कर पाया कि यह कैसे हुआ। एक कार्यकर्ता के तौर पर मुझे इसकी विस्तृत जानकारी नहीं है। परिवार के सदस्य के तौर पर कुछ कशमकश थी, मैं समझ नहीं सका कि क्या हो रहा है?’’उनसे पूछा गया था कि भाजपा के साथ हाथ मिलाने के बाद अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर उन्हें कैसा लगा था। (भाषा इनपुट्स के साथ)