शिवसेना नेता सार्वजनिक तौर पर इस बात को कह चुके हैं कि वो महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में युवा नेता आदित्य ठाकरे को देखना चाहते हैं। हालांकि शिवसेना चीफ और आदित्य ठाकरे के पिता उद्धव ठाकरे ने इन बयानबाजियों पर ब्रेक लगा दिया है। उन्होंने कहा कि अभी आदित्य को सीएम या डिप्टी सीएम बनाना जल्दबाजी होगी। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘वह अभी-अभी राजनीति में आए हैं। राजनीति में आदित्य का आने का यह मतलब नहीं कि वह सीएम या डिप्टी सीएम होंगे। थोड़ा इंतजार कीजिए। यह उनका पहला चुनाव है।’

महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए आदित्य ने वरली विधानसभा सीट से पर्चा दाखिल किया है। यह पहला मौका है जब ठाकरे परिवार का कोई सदस्य चुनाव में उतरा है। यह पार्टी के लिए भी इस बात की परीक्षा होगी कि वह जनता का मन जीतने के लिए पार्टी के युवा नेतृत्व की लोकप्रियता पर भरोसा कर सकती है या नहीं।

उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘आदित्य के विधानसभा चुनाव लड़ने का यह मतलब नहीं है कि मैं सक्रिय राजनीति से संन्यास ले रहा हूं। मैं यहीं हूं।’ साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि कोई शिवसैनिक एक दिन राज्य का मुख्यमंत्री बनेगा। उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘एक दिन कोई शिवसैनिक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनेगा, यह एक वादा है जो मैंने अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब से किया था।’ इस साक्षात्कार का एक हिस्सा सोमवार को जारी किया गया।

साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनावों में ‘मोदी लहर’ पर लगाम लगाई थी। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अब इस बहस में जाने का कोई मतलब नहीं है कि उस समय वे भाजपा से क्यों अलग हुए थे। उन्होंने कहा, ‘अब भाजपा और शिवसेना के (2014 चुनाव) अलग-अलग लड़ने के पीछे के कारणों पर चर्चा का कोई मतलब नहीं है। यह एक जंग थी। राष्ट्रीय स्तर पर एक ‘लहर’ थी, लेकिन महाराष्ट्र में हमने उस पर लगाम लगाई।’

उद्धव ने कहा, ‘सत्ता में रहने के बावजूद, हमने हमेशा आम आदमी के मुद्दों को लेकर आवाज उठाई।’ इस बार शिवसेना राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 124 पर चुनाव लड़ रही है जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी भाजपा ने 150 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। बाकी सीटें भाजपा के हिस्से से छोटे दलों के लिए छोड़ी गई हैं। (भाषा इनपुट)