महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भाजपा और शिवसेना में रार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकार में हिस्सेदारी के ‘फॉर्मूले’ के तहत ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद शिवसेना को दिए जाने से इनकार कर दिया है।
सीएम के इस बयान के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अगली सरकार के गठन पर मंगलवार को भाजपा के साथ अपनी पार्टी की बैठक रद्द कर दी। इस नए घटनाक्रम के बाद दोनों दलों के बीच पहले से तल्ख संबंधों में और खटास बढ़ सकती है। शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सत्ता साझेदारी पर मुख्यमंत्री के बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने शाम चार बजे प्रस्तावित बैठक रद्द कर दी।
बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं को शामिल होना था। शिवसेना के एक नेता ने बताया कि भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और पार्टी के नेता भूपेंद्र यादव अगली सरकार के गठन पर चर्चा में हिस्सा लेने वाले थे। जबकि शिवसेना की ओर से सुभाष देसाई और संजय राउत शामिल होने वाले थे। इससे पहले फडणवीस ने इस बात से इनकार किया था कि 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले गठबंधन करते समय शिवसेना को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद देने का वादा किया गया था।
शिवसेना ने मुख्यमंत्री के दावे को ‘खारिज’ करने के लिए मंगलवार को एक पुराना वीडियो क्लिप भी जारी किया। इसमें फडणवीस भाजपा नीत राज्य सरकार में पद और जिम्मेदारी के समान बंटवारे के बारे में कथित तौर पर चर्चा कर रहे थे। वरिष्ठ नेता ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को शाम चार बजे होने वाली बैठक रद्द कर दी। हमने पद और जिम्मेदारी बराबर बांटने के बारे में मुख्यमंत्री के बयान का क्लिप भेजा है। फडणवीस को ऐसे बयान देने से पहले अपनी बात का ध्यान होना चाहिए।
इससे पहले, संबंधित घटनाक्रम में फडणवीस ने कहा कि बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह हिस्सा नहीं लेंगे। भाजपा के एक नेता ने पिछले सप्ताह कहा था कि शाह, ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं। मालूम हो कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से राजभवन में मिले थे। वहीं, दिवाकर राउत के नेतृत्व में शिवसेना के प्रतिनिधिमंडल ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी।
(भाषा इनपुट के साथ)