महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को होने वाले मतदान में महायुति और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के लगभग 50 बागी उम्मीदवार मैदान में हैं। दोनों गठबंधनों ने इन्हें मनाने की कोशिशें कीं ताकि ये अपने आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ नामांकन न करें, लेकिन कई बागी अपनी दावेदारी से पीछे नहीं हटे। महायुति के 26 और एमवीए के 18 बागी इन चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
कुछ क्षेत्रों में दोनों गठबंधन के भीतर भी है “दोस्ताना मुकाबला”
महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं, जबकि एमवीए में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) हैं। कुछ क्षेत्रों में दोनों गठबंधन के भीतर भी “दोस्ताना मुकाबला” देखा जा रहा है, जहां गठबंधन के ही अलग-अलग उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
महायुति के बागियों में 13 बीजेपी, 12 शिंदे और 1 एनसीपी के हैं
महायुति के बागी उम्मीदवारों में 13 बीजेपी के, 12 शिंदे गुट के और 1 एनसीपी के हैं। इनमें से बीजेपी के बागी शिंदे गुट और एनसीपी के उम्मीदवारों को चुनौती दे रहे हैं, वहीं एनसीपी के एक बागी उम्मीदवार शिंदे गुट के मौजूदा विधायक के खिलाफ मैदान में हैं। एमवीए के बागियों में कांग्रेस के 5, शिवसेना (यूबीटी) के 2 और एनसीपी (एसपी) का 1 उम्मीदवार गठबंधन के ही अन्य उम्मीदवारों को चुनौती दे रहा है।
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कुछ सीटों पर तो इन बागी उम्मीदवारों की मौजूदगी से पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। वर्सोवा सीट पर बीजेपी, शिवसेना (यूबीटी) और उसके बागी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। इसी तरह, पंढरपुर में कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) के बीच भी “दोस्ताना” मुकाबला है। इन सीटों पर वोटों के बंटवारे का असर संभावित परिणामों पर पड़ सकता है।
गठबंधन के बड़े नेताओं ने बागियों को मनाने के लिए कड़े और लचीले दोनों तरह के रुख अपनाए। कुछ को पार्टी पदों का लालच दिया गया तो कुछ को पार्टी से निष्कासन की चेतावनी दी गई। बावजूद इसके, लगभग 50 बागी चुनाव मैदान में डटे रहे। नाम वापसी की समय सीमा खत्म होने से पहले भी उद्धव और पवार ने अपने बागियों को नाम वापस लेने का अल्टीमेटम दिया, लेकिन अधिकतर बागी अड़े रहे।
एमवीए और महायुति दोनों के बागी उम्मीदवार अपने ही गठबंधन के उम्मीदवारों को मुश्किल में डाल सकते हैं। महायुति के 288 में से 152 सीटों पर बीजेपी, 78 पर शिंदे की शिवसेना और 52 पर एनसीपी के उम्मीदवार मैदान में हैं। एमवीए के तहत कांग्रेस 104, शिवसेना (यूबीटी) 94 और एनसीपी (एसपी) 87 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।