महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने के बाद भी भाजपा और शिवसेना की बीच तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के बीच दोनों दल सरकार बनाने के फॉर्म्यूले को अंतिम रूप नहीं दे पा रहे हैं। इस बीच भाजपा और शिवसेना ने राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात की
भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सुबह करीब 11 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। दूसरी तरफ शिवसेना की तरफ से दिवाकर राउत के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलने पहुंचा। मुलाकात के बाद दिवाकर राउत ने कहा कि वह राज्यपाल को दिवाली की बधाई देने आए थे। राज्यपाल से राजनीतिक मुद्दे पर कोई भी बातचीत नहीं हुई।
इस बीच एक निर्दलीय विधायक ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए बिना किसी शर्त समर्थन देने की घोषणा की है। युवा स्वाभिमान पार्टी के विधायक रवि राणा ने रविवार को मुख्यमंत्री को सरकार बनाने के लिए लिखित रूप से समर्थन देने की घोषणा की। राणा अमरावती के बदनेरा सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं। राणा ने शिवसेना के उम्मीदवार प्रीति संजय को 15,541 मतों के अंतर से हराया था। रविवार को भाजपा की बागी विधायक गीता जैन और निर्दलीय विधायक राजेंद्र राउत ने भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की। जैन ने ठाणे की मीरा भायंदर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार नरेंद्र मेहता के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
इससे पहले भाजपा एक वरिष्ठ नेता ने मुख्यमंत्री की राज्यपाल से होने वाली मुलाकात के बारे में कहा था कि अभी कोई एजेंडा तय नहीं है लेकिन इस मुलाकात में निश्चित रूप से सरकार गठन पर बातचीत होगी। मुख्यमंत्री राज्यपाल को मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में जानकारी दे सकते हैं। विशेष रूप से अगली सरकार बनाने की दावेदारी पेश करने की संभावना के बारे में।
खासकर, शिवसेना की विधायक दल की बैठक में क्या फैसला लिया गया। इसके बारे में राज्यपाल को सूचित करेंगे। मालूम हो कि इससे पहले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भाजपा से 50:50 के फॉर्म्यूले पर लिखित में आश्वासन मांगा था। इसमें दोनों दलों की तरफ से 2.5-2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री का पद संभालने की बात भी शामिल थी। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं।