शिवसेना शिंदे गुट के मंत्री संजय शिरसाट को इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिला है। यह नोटिस 10 जुलाई 2025 को उन्हें भेजा गया है। नोटिस को लेकर मंत्री ने कहा कि यह आयकर विभाग का काम है। यह नोटिस ऐसे समय में आया है जब विपक्ष ने कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के संभाजीनगर में हुई ब्रिक्स होटल की नीलामी में वित्तीय अनियमितताओं की आशंका जताई थी।
बयान से पलटे मंत्री
आयकर विभाग से नोटिस मिलने पर मंत्री ने पहले कहा था कि मेरे अलावा सांसद श्रीकांत शिंदे को भी नोटिस मिला है। हालांकि बाद में वह अपने बयान से पलट गए और उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि श्रीकांत शिंदे को नोटिस मिला है या नहीं मिला है। हालांकि मंत्री ने स्वीकार किया कि उन्हें नोटिस मिला है।
संजय शिरसाट ने कहा, “एक पत्रकार ने मुझसे पूछा था कि क्या श्रीकांत शिंदे को आयकर का नोटिस मिला है और क्या मुझ पर कोई राजनीतिक दबाव है। मुझ पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है और मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि श्रीकांत शिंदे को नोटिस मिला है या नहीं।”
पहले मंत्री ने क्या कहा था?
वहीं पहले संजय शिरसाट ने कहा था, “आयकर विभाग सबकी जांच करता है। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे और मुझे नोटिस मिले हैं। आयकर विभाग को जवाब देना ही होगा। मुझे 9 जुलाई तक जवाब देने को कहा गया था। मैंने समय मांगा है और हम जवाब देंगे। हम किसी भी जांच का सामना करेंगे। यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है और कोई हम पर दबाव बनाने की कोशिश नहीं कर रहा है। मैं यह नहीं कहूंगा कि शिवसेना को दबाया जा रहा है। अगर किसी को नोटिस मिलता है तो इसका मतलब है कि एजेंसी अपना काम कर रही है।”
संजय शिरसाट ने सभी आरोपों से इनकार किया, लेकिन विपक्ष ने मानसून सत्र में यह मुद्दा उठाया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की उच्च-स्तरीय समिति से जांच कराने की घोषणा की थी।
मुंबई में राज्य विधानमंडल का सत्र चल रहा है, लेकिन एकनाथ शिंदे 9 जुलाई को सत्र छोड़कर दिल्ली रवाना हो गए। आयकर नोटिस और शिंदे के कथित तौर पर केंद्रीय मंत्रियों से मिलने की खबर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बीच शिंदे के दिल्ली दौरे के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है।