महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएएस) से किसी को डरने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि इससे किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी, मोदी सरकार देश में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) नहीं ला रही। बेटे आदित्य ठाकरे के साथ दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद सीएम ने मीडिया से बातचीत में यह बयान दिया। सीएम बनने के बाद दिल्ली में उनकी पीएम मोदी से यह पहली मुलाकात थी।
उन्होंने कहा ‘महाराष्ट्र के मुद्दों पर पीएम के साथ अच्छी चर्चा हुई। मेरी पीएम के साथ सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर भी चर्चा हुई। किसी को भी सीएए को लेकर डरने की जरूरत नहीं है।’ ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बताया संशोधित नागरिकता कानून से किसी की नागरिकता नहीं जा रही है। सीएम ने कहा ‘मोदी सरकार ने संसद में भी इस बात को स्प्ष्ट कर दिया है कि एनआरसी पूरे देश में लागू नहीं होगी।’
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को उन्होंने सामान्य प्रक्रिया करार दिया। सीएम ने कहा ‘एनपीआर की प्रक्रिया ठीक वैसे ही जैसे हर 10 साल पर जनगणना की जाती है। अगर एनपीआर में किसी तरह का कोई खतरा नजर आता है तो हम आगे विचार करेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत और आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे।
सीएए और एनआरसी विवाद पर महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार द्वंद की स्थिति में है। एक तरह जहां शिवसेना खुलकर सीएए का समर्थन कर रही है तो वहीं एनसीपी और कांग्रेस इसके खिलाफ हैं। दोनों ही दलों का कहना है कि इन तीनों के जरिए भारत में रहने वाले अवैध प्रवसासियों को नुकसान पहुंचाना है। इसका इस्तेमाल मुस्लिमो के खिलाफ किया जा रहा है। कांग्रेस ने सीएए को संविधान के खिलाफ बताया है।
मालूम हो कि इससे पहली भी कई मौकों पर उद्धव ने सीएए को समर्थन दिया है। सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।