नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में विवाद हो रहा है। एक वर्ग इसके समर्थन में है तो दूसरा वर्ग विरोध जता रहा है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में सीएम उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के सामने मनसे ने एक पोस्टर लगा कर कहा कि यदि वे घुसपैठियों पर गंभीर हैं तो पहले बांद्रा खाली कराएं। पोस्टर पर लिखा है, “आदरणीय मुख्यमंत्री, यदि आप अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में गंभीर हैं, तो अपने बांद्रा इलाके को साफ करके शुरुआत करें, जो घुसपैठियों से भरा हुआ है।”

दरअसल उद्धव ठाकरे ने बीते बुधवार को कहा था कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) से डरने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन साथ ही कहा कि उनकी सरकार प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लागू नहीं होने देगी क्योंकि इसका ‘असर सभी धर्मों पर’ पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना में अपने तीसरे साक्षात्कार में कहा कि बांग्लादेशी और पाकिस्तानी शरणार्थियों को देश से बाहर निकालना शिवसेना की पुरानी मांग रही है।

अपने चचेरे भाई और मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर तीखा हमला करते हुए शिवसेना अध्यक्ष ने कहा था कि एनआरसी वास्तविकता नहीं है और इसके समर्थन या इसके खिलाफ ‘‘मोर्चे’’ की जरूरत नहीं है। वहीं राज ठाकरे ने नौ फरवरी को मुंबई में सीएए तथा एनआरसी के समर्थन में रैली करने की घोषणा की है। वहीं भाजपा ने ठाकरे के साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह (उद्धव) खुलकर सीएए का समर्थन करने की घोषणा करें।

नौ फरवरी को राज ठाकरे की प्रस्तावित रैली को लेकर मुंबई के कई जगहों पर बैनर पोस्टर लग रहे हैं। एक पोस्टर की तस्वीर को ट्वीट करते हुए टि्वटर यूजर @Aryanwarlord ने लिखा, “ऐसे बैनर मुंबई में लगे हैं। राज ठाकरे उस समय की गूंज को वापस ला रहे हैं, जब बाला साहब ठाकरे प्रवासियों के खिलाफ महाराष्ट्र में रैलियां किया करते थे। केवल इस बार उनके भतीजे ने हिन्दुस्तान के सभी नागरिकों का स्वागत करते हुए बांग्लादेशी और पाकिस्तानियों को बाहर रहने की चेतावनी दे रहे हैं।” टि्वटर यूजर @maheshs43857483 ने लिखा, “ये बालासाहेब के असली वारिस हैं।”