नरेंद्र मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की संख्या 8 करोड़ पहुंच गई है। इस योजना की 8 करोड़वीं लाभार्थी के रूप में महाराष्ट्र के औरंगाबाद की आयशा शेख का नाम दर्ज हो गया है। 7 सिंतबर को पीएम मोदी ने 30 वर्षीय आयशा शेख को उज्ज्वला सर्टिफिकेट सौंपा।

इस मौके पर आयशा ने उत्साहपूर्वक घोषणा की कि वह नए गैस चूल्हे पर सबसे पहले बिरयानी बनाना चाहेगी। हालांकि, उसकी योजना पूरी नहीं हो सकी। आयशा को 10 सितंबर को नया सिलेंडर मिला। लेकिन  प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मिले गैस चूल्हे में कुछ तकनीकी खराबी आ गई। इसके बाद चूल्हे को बदलने के लिए भेजा गया।

इसके बाद उसने पड़ोसी के चूल्हा मांग कर उस पर चाय बनाई। इसके बाद पड़ोसी मोहसिन शेख ने गैस सिलेंडर के लिए बधाई भी दी। औरंगाबाद के गरीब परिवार में जन्मी आयशा की शादी कम उम्र में ही हो गई थी। वह पिछले 10 साल से मुंबई से करीब 400 किलोमीटर दूर अजंता में रह रही है। उसके पति रफीक शेख रोजाना बमुश्किल 200 रुपये कमा पाते हैं।

आयशा के 5 से 12 साल की उम्र के 5 बच्चे हैं। वह किराये के मकान में रहती है जिसका किराया 800 रुपये प्रतिमाह है। पहले चूल्हा जलाने के लिए उसे जंगल से लकड़ियां चुनकर लानी पड़ती थी। वह सप्ताह में एक बार लकड़ियां लाने के लिए पांच किलोमीटर की दूरी तय करती थी। हर बार जंगल से सिर पर लकड़ी रख कर लाने उसका करीब सात घंटे का  समय लग जाता था।

आयशा का कहना था कि जब वह खाना बनाती थी तो पूरा घर धुएं से भर जाता था। उसने कहा कि इससे हम सब प्रभावित होते थे। उसके तीन बच्चे स्कूल से मिलने वाला मध्याह्न भोजन लेकर घर आते थे। अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए उसके कभी नहीं सोचा था कि वह एलपीजी सिलेंडर ले पाएगी। पिछले महीने बातचीत के दौरान ही उसके एक रिश्तेदार ने उज्ज्वला योजना के बारे में बताया। इसके बाद आयशा ने इसके लिए आवेदन कर दिया।

सितंबर के पहले सप्ताह में उसे बताया गया कि उसे गैस कनेक्शन मिल जाएगा। 6 सितंबर को उसके पास फोन आया कि उसे पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने औरंगाबाद जाना होगा। अब आयशा का कहना है कि वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिलने पर बिरयानी की दावत देंगी।