मुंबई/अमदाबाद/पुणे। महाराष्ट्र में चुनाव के बाद गठजोड़ की बात करके भाजपा जहां शिवसेना के प्रति नरम रुख प्रदर्शित करती दिख रही है, वहीं शिवसेना ने भाजपा पर प्रहार करते हुए उस पर ‘विदर्भ’ के मुद्दे को उछालने के लिए गठबंधन तोड़ने का आरोप लगाया।
मराठा राजा शिवाजी और अपने पिता शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे का उल्लेख करते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी को भाजपा ने धोखा दिया है। सतारा जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन जानबूझ कर तोड़ा क्योंकि वे जानते थे कि जब तक हम साथ रहेंगे तब तक वे महाराष्ट्र को विभाजित नहीं कर पाएंगे। लेकिन हम छत्रपति शिवाजी के महाराष्ट्र को आपके हथकंडों का शिकार नहीं बनने देंगे। महाराष्ट्र एक था, एक है और एक रहेगा।
भाजपा अलग विदर्भ राज्य के पक्ष में रही है जबकि शिवसेना लगातार विरोध करती रही है।
भाजपा ने हाल ही में मराठी मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए, ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ का नारा दिया था। यह वर्ग शिवसेना का समर्थक रहा है। इसके साथ पार्टी ने अंग्रेजी और क्षेत्रीय दैनिक में विज्ञापन में ‘शिव छत्रपति का आशीर्वाद, चलो चलें मोदी के साथ’ का जिक्र किया था।
विदर्भ के मुद्दे पर छत्रपति शिवाजी का उल्लेख करते हुए भाजपा का हमला करने का शिवसेना प्रमुख का मकसद एक तरह से शिवाजी की विरासत पर दावा ठोंकने की भाजपाई कोशिशों को नाकाम करना है। मराठवाड़ा क्षेत्र के परभणी में एक अन्य रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने चुनाव के दौरान शिवाजी का आशीर्वाद मांगने के लिए भाजपा को आड़े हाथों लिया और कहा कि पार्टी ने कभी भी शिवाजी की जयंती मनाने की चिंता तक नहीं की।
उधर, महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन के टूटने पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने गुरुवार को कहा कि अगर गठबंधन बना रहता तो उन्हें खुशी होती। आडवाणी ने अमदाबाद में कहा- मुझे ज्यादा खुशी होती, अगर यह (गठबंधन) नहीं टूटा होता। लेकिन यह भी सही है कि हमारी पार्टी के लोग कह रहे थे कि सीटों के तालमेल का फार्मूला उचित नहीं था और हमें (भाजपा) ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए थी।
आडवाणी ने कहा- मुझे गठबंधन टूटने के बारे में (शिवसेना प्रमुख) उद्धव ठाकरे से जानकारी मिली। उसके बाद मैंने (नितिन) गडकरी से बात की जिन्होंने मुझसे कहा कि वे मामले को देख रहे हैं। आडवाणी ने यह भी कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा-शिवसेना के बीच हुई बातचीत में वे शामिल नहीं थे।
शिवसेना के साथ चुनाव बाद संभावित करार का संकेत देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पुणे में कहा कि हालात की मांग होने पर भाजपा अपने पूर्व सहयोगी से एक बार फिर हाथ मिलाने पर विचार कर सकती है। शिवसेना के साथ चुनाव बाद गठजोड़ (खंडित जनादेश की स्थिति में) के बारे में पूछे जाने पर गडकरी ने महाराष्ट्र में 25 साल पुराने भगवा गठबंधन के टूटने को बेहद ‘दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद’ बताया। उन्होंने कहा कि अगर हालात बनते हैं तो निश्चित तौर पर सोचेंगे। हिंदुत्व के आधार पर शिवसेना हमारे साथ रही है।
भाजपा में शिवसेना को लेकर ‘कड़वाहट’ नहीं होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि हमें बाल ठाकरे के प्रति भी उतना ही प्यार है जितना अटलजी के लिए। यह पूछे जाने पर कि भाजपा क्या राकांपा-कांग्रेस से समर्थन लेने पर विचार करेगी, गडकरी ने कहा कि हमें बहुमत मिलेगा। इसमें कोई अगर-मगर नहीं है।
इस बीच, मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन टूटने के लिए राकांपा प्रमुख शरद पवार को कसूरवार ठहराया है। ठाकरे ने आरोप लगाया कि पवार ने भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से कहा कि आप शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़ लीजिए और हम (राकांपा) आपका समर्थन करेंगे। नागपुर में बुधवार रात मनसे की एक बैठक को संबोधित करते हुए राज ने दावा किया कि उनके एक भरोसेमंद करीबी ने यह बातचीत सुनी थी जिसकी पुष्टि एक पत्रकार ने भी की।