महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में गुरुवार को बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थक एनसीपी शरद गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों में भिड़ंत हो गई। दोनों के समर्थकों के बीच जमकर हंगामा हुआ। इससे एक दिन पहले गोपीचंद पडलकर और जितेंद्र आव्हाड के बीच तीखी बहस हुई थी और मामला गाली गलौच तक पहुंच गया था।
विधानसभा परिसर में हुई मारपीट की घटना पर बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर ने दुख जताया। उन्होंने कहा, “यहां जो कुछ हुआ उससे मैं सचमुच बहुत दुखी हूं। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है… मैं खेद व्यक्त करता हूं और क्षमा याचना करता हूं…”
इस मसले पर अपना पक्ष रखते हुए जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि पूरा महाराष्ट्र जानता है कि हमलावर कौन था। हमसे बार – बार सबूत मांगे जा रहे हैं, जबकि पूरे देश ने देखा है कि हमला किसने किया। गुंडों को विधानसभा में घुसने दिया जा रहा है और विधायकों की सुरक्षा खतरे में है। मुझे गालियां दी गईं, जान से मारने की धमकी दी गई। ‘कुत्ता’, ‘सुअर’ जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया। क्या विधानसभा में यही होना अपेक्षित था? मैं भाषण देकर बाहर आया ही था कि ये लोग मुझसे भिड़ गए। अगर विधानसभा में विधायक सुरक्षित नहीं हैं, तो हम विधायक क्यों रहें?
उद्धव ठाकरे बोले- यह दुर्भाग्यपूर्ण
इस हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे ने कहा कि अगर गुंडे विधानसभा तक पहुंच गए हैं तो राज्य के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। विधानसभा में इस तरह का आचरण उचित नहीं है।
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कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस पार्टी के नेता नाना पटोले ने कहा कि हम इस घटना की निंदा करते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा की हमेशा से एक परंपरा रही है… हमारे उदाहरण पूरे देश में दिए जाते हैं और उन पर गर्व किया जाता है। लेकिन आज विधानसभा परिसर में जो हुआ, वह दोबारा न हो – विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। मुंबई हमेशा हाई अलर्ट पर रहती है। ऐसे समय में विधायकों और मंत्रियों के साथ इतनी बड़ी संख्या में लोगों का आना और विधानसभा की सुरक्षा को खतरे में डालना बेहद गंभीर मामला है।