Maharashtra Assembly polls: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं लेकिन इससे पहले शिवसेना को बड़ा झटका लगा है। वोटिंग से पहले शिवसेना में बड़ी बगावत हुई है। नासिक नगर निगम में शिवसेना के सभी पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। 164 विधानसभा सीटों को भाजपा को सौंपने और केवल 124 सीटों पर चुनाव लड़ने का शिवसेना का फैसला पार्टी के कार्यकर्ताओं को पसंद नहीं आया। वहीं नासिक की सभी तीन सीटों से भाजपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ विरोध जताने के लिए 35 पार्षदों और 350 पार्टी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया। उन्होंने नासिक पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना के बागी उम्मीदवार विलास शिंदे को समर्थन देने की घोषणा की है। पार्षदों के इस्तीफे से बीजेपी और शिवसेना में मतभेद खुलकर सामने आ गया है।

साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने नासिक की सभी तीन सीटें जीती थीं। शायद यही वजह है कि इस बार भी शिवसेना ने ये तीनों सीट भाजपा को दी हैं। अभी हाल में शिवसेना से जुड़े 28 पार्षदों ने करीब 300 कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को इस्तीफे भेजे थे। इन सभी नेताओं ने टिकट वितरण से नाखुश होकर यह कदम उठाया।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर लिया है। महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी (एमएसपी) ने का मंगलवार को आखिरकार भाजपा में विलय हो गया। इस विलय से शिवसेना सकते में है। राणे का गढ़ कोंकण का सिंधुदुर्ग जिला है। वह पिछले कई महीनों से भाजपा में शामिल होने की ‘प्रतीक्षा सूची’ में थे। बीजेपी की सहयोगी शिवसेना के कड़े विरोध के बावजूद सत्ताधारी पार्टी में शामिल हुए राणे ने शिवसेना के साथ विभाजन किया और अपनी पूर्व पार्टी के साथ एक असहज संबंध साझा किया।

भाजपा की सहयोगी होने के बावजूद शिवसेना ने राणे के पूर्ण करीबी को कंकवली सीट से नितेश के खिलाफ उतारा है। शिवसेना ने नीतीश के खिलाफ कांकावली से सतीश सांवत को मैदान में उतारा है। बता दें राणे 1999 में शिवसेना-भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री थे, लेकिन उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था।

आयोजन को संबोधित करते हुए राणे ने कहा कि उन्होंने बहुत विचार-विमर्श के बाद भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा “मैं कुछ हासिल करने के लिए बीजेपी में शामिल नहीं हुआ हूं। मैंने फडणवीस द्वारा किए गए विकास कार्यों को देखने के बाद भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया है।