महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर विधायकों ने मुक्केबाज विधायक के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के विधायकों ने बुधवार को शिवसेना (शिंदे गुट) विधायक संजय गायकवाड़ के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। शिवसेना (यूबीटी) विधायक अंबादास दानवे सहित विपक्षी नेता एनसीपी (शपा) नेता जीतेंद्र अव्हाड समेत कई और विधायकों ने महाराष्ट्र विधान भवन की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने, ‘हम चड्डी बनियान गिरोह की निंदा करते हैं’ के नारे भी लगाए।
मुंबई स्थित एमएलए कैंटीन कर्मचारियों को मारने वाले विधायक संजय गायकवाड़ के खिलाफ विपक्ष प्रदर्शन कर रहा है। विपक्ष मांग कर रहा है कि गायकवाड़ पर सरकार और विधानसभा अध्यक्ष कार्रवाई करें। इसी को लेकर महा विकास अघाड़ी के विधायकों ने बुधवार को शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा एमएलए हॉस्टल कैंटीन कर्मचारी पर हमले की निंदा करने के लिए विधान भवन के बाहर “बनियान और तौलिया लपेटकर” विरोध प्रदर्शन किया। बनियान और तौलिया पहने विधायकों ने सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति को लेकर “गुंडा राज” के नारे लगाए।
बासी दाल को लेकर हुआ था विवाद
विरोध के दौरान महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “विधायक कैंटीन में गायकवाड़ द्वारा किया गया हमला दर्शाता है कि सरकार भी ऐसे तत्वों का समर्थन कर रही है।”
‘बासी दाल’ परोसने वाले कैंटीन संचालक का लाइसेंस सस्पेंड; विधायक पर कब होगी कार्रवाई?
पूरे मामले की बात करें तो गायकवाड एमएलए हॉस्टल में रुके हुए थे। इस दौरान उन्होंने कैंटीन से खाना ऑर्डर किया। खाना जैसे ही उनके कमरे में पहुंचा वो तुरंत कर्मचारी के पास पहुंचे और उसे बासी दाल परोसने की बात कहते हुए उसको पीटने लगे। जिसका वीडियो पिछले दिनों खूब वायरल हुआ था।
कौन हैं संजय गायकवाड, जिनको लेकर हो रहा विवाद
बुलढ़ाणा विधानसभा से शिवसेना (शिंदे गुट) विधायक संजय गायकवाड समय-समय पर सुर्खियां बटोरते रहते हैं। गायकवाड़ के पुराने विवादों की बात करें तो सितंबर 2024 में उन्होंने लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की जाति और आरक्षण पर की गई टिप्पणी को लेकर उनकी “जीभ काटने” वाले को 11 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। जिसको लेकर उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी। वहीं उन पर बाघ का शिकार करने का आरोप भी है। जिस वजह से वन विभाग ने उन पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।