Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव प्रचार अब बस खत्म होने को ही है। 20 नवंबर को राज्य में वोट डाले जाएंगे। अपने प्रचार अभियान के दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस समेत भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने बार-बार वोट जिहाद का मुद्दा उठाया है। इसमें तर्क दिया गया है कि मुस्लिम वोटों के एकीकरण का मुकाबला हिंदू वोटर्स धर्म युद्ध के जरिये करें। इस दांव के बीच अब इस्लामिक विद्ववान मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी ने महाराष्ट्र में वोटर्स से एमवीए अलायंस के उम्मीदवारों का समर्थन करने का आग्रह करते हुए प्रत्याशियों की एक लिस्ट जारी की। इस बाद सियासी तूफान खड़ा हो गया है।
यह लिस्ट पिछले हफ्ते जारी की थी। इसमें धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करने के इरादे से वोट करने का आह्वान किया गया है। यह लिस्ट भारतीय जनता पार्टी को पसंद नहीं आई और उसने इसे वोट जिहाद करार दिया। देवेंद्र फडणवीस और किरीट सौमेया समेत अन्य बीजेपी नेताओं ने नोमानी पर वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं सौमेया तो इलेक्शन कमीशन के पास भी पहुंच गईं। उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। इसमें आरोप लगाया कि यह नफरती भाषण है और आचार संहिता का उल्लंघन है।
कौन है नोमानी?
शेख खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी मौलाना मंजूर नोमानी के बेटे हैं। उनका जन्म लखनऊ में हुआ था। उन्होंने अपनी धार्मिक शिक्षा इस्लामी मदरसों से ली है। इसमें दारुल उलूम देवबंद और सऊदी अरब में मदीना यूनिवर्सिटी शामिल है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व चीफ मौलाना वली रहमानी के करीबी सहयोगी नोमानी इस समय AIMPLB के प्रवक्ता के तौर पर काम करते हैं। राजनीतिक तौर पर सक्रिय नोमानी काफी लंबे समय से मुस्लिम समुदाय के अंदर राजनीतिक लामबंदी के पक्षधर रहे हैं।
नोमानी का विवादों से पुराना नाता है। इसी तरह का एक उदाहरण साल 2023 में भी देखने को मिला था। उन्होंने कहा था, ‘लड़कियों को अकेले स्कूल या कॉलेज न भेजें। यह हराम है।’ उनके इस बयान की काफी बड़े पैमाने पर आलोचना की गई।
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बीजेपी ने क्या कहा?
नोमानी के बयान के बाद बीजेपी भड़क उठी। सौमेया किरीट ने आरोप लगाया कि उनका भाषण नफरत को बढ़ावा देने वाला है। राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह जो वीडियो सामने आया है। उसमें वह लोकसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन करने वालों की पहचान कर उनका बहिष्कार करने का आह्वान कर रहे हैं। वे शरद पवार, उद्धव ठाकरे और राहुल गांधी को इस आंदोलन का नेता बताते हुए ‘वोट जिहाद’ का आह्वान कर रहे हैं। यह किस तरह की राजनीति है। हमने राजनीति में ऐसा ध्रुवीकरण पहले कभी नहीं देखा। हार की घबराहट में कांग्रेस और उसके सहयोगी समाज और देश को बांटने वाले विचारों को आगे लाने की कोशिश कर रहे हैं।
नोमानी ने रखा अपना पक्ष
इन सभी आरोपों के जवाब में मौलाना नोमानी ने भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने शनिवार को कहा कि मैंने 288 उम्मीदवारों की जो लिस्ट जारी की है, उसमें 23 उम्मीदवारों को छोड़कर सभी हिंदू हैं। क्या लोगों से हिंदुओं को वोट देने का आह्वान करना अब वोट जिहाद माना जाता है।
