महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आज भ्रष्टाचार के कई केस बंद कर दिए हैं। ऐसी अफवाहें थीं कि डिप्टी सीएम अजित पवार को सिंचाई घोटाले में राहत दी गई है। हालांकि अब महाराष्ट्र एसीबी ने इन खबरों को अफवाह बताया है और साफ किया है कि अजित पवार के खिलाफ कोई मामला बंद नहीं किया गया है। महाराष्ट्र एसीबी के सूत्रों के अनुसार, जो केस आज बंद किए गए हैं, वो कंडिशनल हैं और इन्हें दोबारा खोला जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, यदि इन केसों से जुड़ी कोई जानकारी सामने आती है या फिर कोर्ट की तरफ से इन मामलों में आगे जांच के निर्देश होते हैं, तो इन मामलों को दोबारा खोला जा सकता है।

बता दें कि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर भाजपा सरकार पर हमला बोला और लिखा कि ‘बीजेपी-अजित पवार द्वारा महाराष्ट्र के प्रजातंत्र चीरहरण अध्याय की असलियत उजागर। एक नाजायज सरकार द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो को सब मुकदमे बंद करने का आदेश। खाएंगे और खिलाएंगे भी, क्योंकि यह ईमानदारी के लिए जीरो टोलरेंस वाली सरकार है। मोदी है तो मुमकिन है।’

सुरजेवाला के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर ये बातें होने लगी कि एसीबी द्वारा सिंचाई घोटाले में अजित पवार को राहत दी गई है। हालांकि अब एसीबी ने ही इन अफवाहों पर यह कहकर विराम लगा दिया है कि डिप्टी सीएम के खिलाफ कोई मामला बंद नहीं किया गया है।

महाराष्ट्र एसीबी डीजी परमबीर सिंह ने बताया कि ‘हम सिंचाई से संबंधित शिकायतों के आधार पर करीब 3000 टेंडर्स की जांच कर रहे हैं। जो बंद की गई हैं, वो रुटीन जांच हैं। वहीं बाकी जांच पहले की तरह ही जारी रहेंगी।’

उल्लेखनीय है कि एनसीपी नेता अजित पवार सिंचाई घोटाले के आरोपों से घिरे हैं। यह घोटाला 2012 में सामने आया था। आरोप लगा था कि कांग्रेस और एनसीपी के कार्यकाल में 35 हजार करोड़ रुपए की अनियमितताएं बरतीं गई थीं। जिस समय यह अनियमितता बरतीं गई, उस वक्त अजित पवार महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री थे और आरोप है कि उन्होंने सिंचाई से जुड़े हर तरह के प्रोजेक्ट्स और उनके बढ़े बजट को मंजूरी दी थी।

बीते दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने एंटी करप्शन ब्यूरो को पत्र लिखकर सिंचाई घोटाले से जुड़े दस्तावेज मंगाए थे। इस घोटाले की जांच ईडी द्वारा भी की जा रही है। ऐसी खबरें हैं कि ईडी पवार पर मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं में केस दर्ज कर सकता है।