महाराष्ट्र की MVA सरकार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच चल रही रस्साकसी फिर तेज होने लगी है। उद्धव सरकार से जुड़े लोग अक्सर उन्हें निशाना बनाता रहते हैं लेकिन इस बार डिप्टी सीएम अजित पवार ने पीएम मोदी के सामने कोश्यारी पर कटाक्ष किया है। पवार ने कहा कि बेवजह बोलना इनकी आदत है और ये बात लोगों को भी पसंद नहीं।

पीएम के भाषण से पहले पवार ने कहा कि वो उनके संज्ञान में कुछ चीजों लाना चाहते हैं। कुछ लोग जो अहम पदों पर बैठे हैं वो बेवजह के बेतुके बयान देकर सूबे का माहौल खराब कर रहे हैं। उनका कहना था कि लोग भी इस बात से खफा हो रहे हैं।

दरअसल, कोश्यारी के एक बयान से महाराष्ट्र सरकार से फिर से एक बार तनातनी हो गई हैं। इस बार विवाद की वजह बनी है मराठा योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी के बारे में की गई कोश्यारी की एक टिप्पणी। कोश्यारी ने औरंगाबाद में एकहा कि समर्थ रामदास छत्रपति शिवाजी के गुरु थे। हालांकि उनके इस बयान से बीजेपी के राज्यसभा सदस्य उदयनराजे भोसले को भी आक्रोशित कर दिया। वो प्रत्यक्ष तौर पर शिवाजी के वंशज हैं।

कोश्यारी की टिप्पणी पर हर तरफ से विरोध देखने को मिला। कई मराठा संगठनों ने भी उनकी इस टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कोश्यारी को राज्यपाल पद से हटाने की मांग तक कर डाली। उनका कहना है कि यह इतिहास को बदलने का कुत्सित प्रयास है और दावा किया कि छत्रपति शिवाजी की मां जीजाबाई ही उनकी असली गुरु थीं।

शरद पवार के बेटी व सांसद सुप्रिया सुले ने बांबे हाईकोर्ट के एक आदेश को ट्वीट कर कहा था कि यह दर्शाने के लिए कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है कि शिवाजी महाराज रामदास से मिले थे या फिर वह रामदास को अपना गुरु मानते थे। सुप्रिया ने एनसीपी सुप्रीमो और अपने पिता शरद पवार की एक पुरानी वीडियो क्लिप भी साझा की, जिसमें वह बता रहे थे कि रामदास के शिवाजी के गुरु होने के दावे किस तरह एकदम निराधार हैं।