महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित मशहूर महालक्ष्मी मंदिर में अब से छोटे कपड़े पहनकर जाने पर रोक लगा दी गई है। पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान के चेयरमैन महेश जाधव का कहना है कि “कई श्रद्धालुओं की अपील पर महालक्ष्मी मंदिर में आने वाले महिलाओं और पुरुषों को छोटे कपड़े नहीं पहनकर आने की सलाह दी गई है। यदि कोई छोटे कपड़े पहनकर आ जाता है तो उन्हें कपड़े बदलने के लिए एक कमरे की सुविधा दी जाएगी।” महालक्ष्मी मंदिर में छोटे कपड़े पहनने पर आगामी 10 अक्टूबर से पूरी तरह से रोक लग जाएगी। बता दें कि 10 अक्टूबर से नवरात्र शुरु हो रहे हैं और इस दौरान महालक्ष्मी मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं। मंदिर समिति के इस फैसले पर कुछ श्रद्धालुओं ने नाराजगी जतायी है, वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने इस फैसले का समर्थन भी किया है।

गौरतलब है कि ना सिर्फ महालक्ष्मी मंदिर में बल्कि पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति के करीब 3000 मंदिरों में भी यह नियम लागू करने पर विचार किया जा रहा है। बता दें कि मंदिर में ड्रेस कोड लागू होने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले दक्षिण भारत के मंदिरों में भी इस तरह के नियम लागू हो चुके हैं। साल 2016 में मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने इस संबंध में एक आदेश जारी कर मंदिरों की प्रशासन समितियों को कहा था कि जींस, बरमूडा, शॉर्ट्स या स्कर्ट पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में प्रवेश ना दिया जाए।

हालांकि बाद में राज्य सरकार के विरोध पर मद्रास हाईकोर्ट ने कोर्ट ने इस आदेश को स्टे कर दिया था। दक्षिण के मशहूर तिरुपति बालाजी मंदिर में भी महिला और पुरुष श्रद्धालुओं के छोटे कपड़े पहनने पर रोक है। महालक्ष्मी मंदिर प्रशासन द्वारा छोटे कपड़ों पर रोक ऐसे समय में लगायी गई है, जब सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को भी प्रवेश देने का आदेश दिया है।