Prayagraj Mahakumbh 2025 Chatbot Kumbh Sahayak: दुनियाभर में जब तकनीक का प्रभाव बढ़ रहा है, तब धर्म और अध्यात्म भी इससे अछूते नहीं हैं। प्रयागराज में अगले कुछ दिनों में महाकुंभ मेला लगने जा रहा है। 2025 में आयोजित होने वाला दुनिया का यह सबसे बड़ा मेला इस डिजिटल बदलाव का एक अनूठा उदाहरण बनने जा रहा है। इस बार का महाकुंभ आयोजन न केवल एक धार्मिक आयोजन होगा, बल्कि डिजिटल तकनीक का भी एक नया प्रयोग साबित होगा। श्रद्धालुओं के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और चैटबॉट तकनीक को शामिल किया गया है, जिससे उनका महाकुंभ अनुभव और भी सरल और आधुनिक बन सके। उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘कुंभ सहायक’ नामक एक विशेष चैटबॉट को लॉन्च करने का फैसला लिया है, जो श्रद्धालुओं को महाकुंभ में सभी प्रकार की जानकारी और सुविधाएं उपलब्ध कराने में मददगार साबित होगा।

करोड़ों श्रद्धालुओं का करेगा मार्गदर्शन

‘कुंभ सहायक’ एआई-आधारित चैटबॉट महाकुंभ 2025 के मुख्य आकर्षणों में से एक है। इस विशेष चैटबॉट का उद्देश्य लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं को डिजिटल माध्यम से कुंभ से जुड़ी जानकारी प्रदान करना है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह चैटबॉट 10 से अधिक भाषाओं में बातचीत और संवाद कर सकता है, जिससे भारतीय राज्यों और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भाषा की कोई बाधा महसूस नहीं होगी। इस एप्लिकेशन को महाकुंभ ऐप और व्हाट्सएप पर उपलब्ध कराया गया है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

यह चैटबॉट न केवल जानकारी प्रदान करेगा बल्कि श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में भी मार्गदर्शन करेगा। इसमें गूगल नेविगेशन का विकल्प शामिल है, जिससे स्नान घाटों, अखाड़ों, मंदिरों, और अन्य मुख्य स्थलों तक पहुंचना आसान होगा। इसके अलावा, व्यक्तिगत जीआईएफ और इंटरैक्टिव फीचर्स के माध्यम से यह श्रद्धालुओं को एक व्यक्तिगत अनुभव देने में सक्षम है।

कुंभ सहायक में महाकुंभ के इतिहास, परंपराओं, साधु-संन्यासी, प्रमुख अखाड़ों, स्नान की तारीखों, पार्किंग स्थलों, आवास सुविधाओं से लेकर खाने-पीने के स्थानों तक की जानकारी मिलेगी। श्रद्धालु अपने मोबाइल पर महाकुंभ क्षेत्र के नक्शे देख सकेंगे, जिससे उन्हें महाकुंभ परिसर में अपने स्थान और आवश्यक सेवाओं तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

इसके साथ ही इस चैटबॉट के जरिए सरकारी टूर पैकेज, होम स्टे, होटलों और अन्य मान्यता प्राप्त यात्रा सुविधाओं की जानकारी भी मिल सकेगी। प्रयागराज के प्रमुख पर्यटन स्थलों, रेलवे स्टेशन, और बस अड्डों तक पहुंचने के लिए दिशा-निर्देश भी इसमें शामिल हैं। यह न केवल घरेलू पर्यटकों के लिए बल्कि विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी एक उपयोगी साधन साबित होगा।

महाकुंभ 2025 के इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर धनराशि निर्धारित की जा रही है। खबरों के अनुसार, इस बार केंद्र सरकार 2000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि महाकुंभ के आयोजन के लिए देने जा रही है। राज्य सरकार ने भी इस महायोजना के लिए लगभग 5400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे कुंभ क्षेत्र में आवश्यक संरचनाओं और सुविधाओं का विकास किया जा सकेगा। महाकुंभ 2025 के आयोजन पर कुल सात हजार करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। इस राशि का उपयोग मुख्य आयोजन के लिए होने के साथ-साथ कुंभ क्षेत्र के समग्र विकास में किया जाएगा।

पिछले कुंभों के खर्च की तुलना में यह एक बड़ी धनराशि है, जो महाकुंभ के वैश्विक महत्व और भव्यता को और अधिक बढ़ाएगी। 2019 के कुंभ में कुल 2406 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जिसमें से 1200 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने दिए थे। इस बार महाकुंभ के खर्च में कई गुना वृद्धि देखी जा रही है।

‘कुंभ सहायक’ चैटबॉट श्रद्धालुओं को आस्था और श्रद्धा के इस मेले में एक नया अनुभव देगा, जहां डिजिटल उपकरणों के माध्यम से उनका पथप्रदर्शन किया जाएगा। इस अनूठी पहल से महाकुंभ का अनुभव अधिक सुलभ, सहज और आधुनिक बन जाएगा, जिससे यह आयोजन आने वाले समय में एक मिसाल कायम कर सकता है। महाकुंभ 2025 का यह विशेष आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दर्शाता है कि आस्था और विज्ञान कैसे साथ मिलकर नए युग में एक बेहतर अनुभव प्रदान कर सकते हैं।