हरिद्वार में संतों ने ‘इस्लामी जिहादियों’ के खात्मे के लिए ‘महायज्ञ’ शुरू किया। हरिद्वार के संतों ने इस्लामी जिहादियों के विनाश के लिए गुरुवार को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के भैरव घाट पर मां बगलामुखी का ‘महायज्ञ’ शुरू किया। यज्ञ का आयोजन विवादित डासना पुजारी और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि द्वारा किया जा रहा है

इस यज्ञ का समापन 21 दिसंबर को होगा। यति नरसिंहानंद ने कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत में हिंदुओं की हत्या करने वाले इस्लामी जिहादियों के पूर्ण विनाश के बिना मानवता की रक्षा संभव नहीं है। उन्होंने सनातन धर्म के अनुयायियों को महायज्ञ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

यति नरसिंहानंद मुसलमानों के खिलाफ घृणा पैदा करने वाले भाषणों’ के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। वहीं, विश्व धर्म संसद की मुख्य संयोजक उदिता त्यागी और जूना अखाड़े के कोठारी श्रीमहंत महाकाल गिरि ने महायज्ञ में भाग लिया। महामंडलेश्वर ने कहा कि धर्म संसद का उद्देश्य हिंदू धर्म को बचाना है। धर्म नहीं बचेगा तो भारत की हालत आने वाले समय में बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसी हो जाएगी।

19 से 21 दिसंबर तक चलेगी धर्म संसद

यति नरसिंहानंद गिरी के मुताबिक, 19 दिसंबर से यह 21 दिसंबर तक चलने वाली इस विश्व धर्म संसद में हिंदू धर्म के लोग ही शामिल हो सकेंगे। इस संसद में करीब 1000 लोगों के पहुंचने का अनुमान है। धर्म संसद को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई गयी हैं, वहीं प्रशासन ने भी कमर कस ली है।

यज्ञ में भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान समेत सम्पूर्ण विश्व के इस्लामिक जिहादियों के विनाश के लिए देवी मां बगलामुखी से प्रार्थना की गई। विश्व धर्म संसद से पहले हिंदुओं की रक्षा के लिए मंत्र पढ़े गए और यज्ञ में आहूतियां दी गईं।

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कौन हैं यति नरसिंहानंद सरस्वती?

यति नरसिंहानंद सरस्वती का असली नाम दीपक त्यागी है। वे उत्तर प्रदेश के मेरठ के एक गांव के रहने वाले हैं। यति के मुताबिक, हापुड़ के चौधरी ताराचंद इंटर कॉलेज से शुरुआती पढ़ाई करने के बाद वह 1989 में केमिकल टेक्नोलॉजी की डिग्री लेने मॉस्को चले गए थे। 1997 में वह भारत लौट आए।

साल 1998 में यति की मुलाकात भाजपा नेता बीएल शर्मा से हुई और उनका जीवन पूरी तरह बदल गया। घरेलू जीवन से संन्यास लेकर दीपक त्यागी ने अपना नाम दीपेंद्र नारायण सिंह रखा। बाद में वह यति नरसिंहानंद गिरि हो गए। यति साल 2007 से गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर हैं। फिलहाल वह हिंदुओं के सबसे बड़े संप्रदाय जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर हैं। देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE BLOG

(भाषा के इनपुट के साथ)