Security and Crowd management: प्रयागराज के महाकुंभ मेला 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इस बार के महाकुंभ में सुरक्षा इंतजामों को इतना मजबूत और अत्याधुनिक बनाया गया है कि श्रद्धालु न केवल आस्था की डुबकी लगाएंगे, बल्कि उन्हें हर पल यह अहसास होगा कि उनके पीछे एक मजबूत सुरक्षा तंत्र खड़ा है, जो उनकी हर जरूरत और सुरक्षा का ध्यान रखेगा।
महाकुंभ के इस विशाल आयोजन में हर साल लाखों श्रद्धालु स्नान करने आते हैं, और ऐसे में सुरक्षा को लेकर कोई भी चूक न हो, यह सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है। इस बार सुरक्षा के लिए प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक जुझारू टीम मिलकर काम करेगी। पुलिस महानिरीक्षक (पूर्वी जोन) डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि संगम के इलाके में सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक उपायों को लागू किया जा रहा है, जिससे हर श्रद्धालु को महसूस हो कि वह पूरी तरह से सुरक्षित है।
संगम नोज से लेकर किलाघाट तक सभी जर्जर नावों को हटा दिया जाएगा
खास बात यह है कि इस बार संगम के पानी में 700 से अधिक झंडे लगी नावों पर 24 घंटे पीएसी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान तैनात रहेंगे। इन जवानों के पास हाई-टेक उपकरण होंगे, और वे पानी में आने वाले किसी भी संकट को तत्काल प्रभाव से निपटने में सक्षम होंगे। संगम नोज से लेकर किलाघाट तक सभी जर्जर नावों को हटा दिया जाएगा, ताकि दुर्घटनाओं के खतरे को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके।
सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए ‘रिमोट लाइट बॉय’ तैनात किए गए हैं
इसके अलावा सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए ‘रिमोट लाइट बॉय’ तैनात किए गए हैं। ये अत्याधुनिक उपकरण पलक झपकते ही किसी भी संकट की स्थिति में जहां भी जरूरत हो, वहां पहुंच सकते हैं और श्रद्धालु को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा सकते हैं। इस तकनीक से हर घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखी जाएगी, और किसी भी अप्रिय स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।
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महाकुंभ में तैनात जवानों के पास नए और आधुनिक ‘लाइफ जैकेट’, ‘फ्लोटिंग जेटी’ और ‘रेस्क्यू ट्यूब’ जैसी सुविधाएं होंगी, जिससे वे किसी भी विषम परिस्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार होंगे। सुरक्षा को लेकर कोई भी जोखिम न लेने के लिए किला घाट पर भी विशेष बलों की तैनाती की जा रही है। यहां अति विशिष्ट व्यक्तियों के आगमन की संभावना के चलते सुरक्षा व्यवस्था को और भी कड़ा किया गया है।
इसके अलावा, सरस्वती घाट से लेकर संगम घाट तक कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की जा रही है, ताकि हर घाट पर श्रद्धालुओं का स्नान बिना किसी खतरें के हो सके। पीएसी की सात कंपनियां मेले की सुरक्षा के लिए तैनात की गई हैं, जिनमें से एक कंपनी जीआरपी और एक कंपनी कमिश्नरेट में तैनात रहेगी। मेले में विशेष रूप से बाढ़ राहत दल को भी तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
महाकुंभ 2025 में सुरक्षा के लिए किए गए ये इंतजाम न केवल श्रद्धालुओं की भलाई के लिए हैं, बल्कि यह एक संदेश भी देते हैं कि भारतीय संस्कृति और आस्था की इस विशाल धारा को सुरक्षित और निर्विघ्न रूप से जारी रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सुरक्षा के इस मजबूत तंत्र के साथ, श्रद्धालु निश्चिंत होकर महाकुंभ की अद्भुत भव्यता और दिव्यता का अनुभव कर सकेंगे।
प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर हर बार की तरह इस वर्ष भी महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है, लेकिन इस बार कुंभ की धारा में एक नई लहर का संचार होने वाला है। जहां एक ओर श्रद्धालु गंगा-यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करेंगे, वहीं दूसरी ओर वे भक्ति और संगीत के संगम में भी तृप्त होंगे। पूरे महाकुंभ क्षेत्र में इस बार अध्यात्मिक ऊर्जा के साथ संगीत का अनुपम संगम देखने को मिलेगा, जो हर श्रद्धालु के मन और आत्मा को शांति और आनंद से भर देगा। पढ़ें पूरी खबर