Maha Kumbh Crowd Management: प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए सीएम योगी ने गुरुवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बातचीत की है। उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण और ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। रेल मंत्री ने उन्हें हर संभव सहयोग का भरोसा दिया है। संभावना है कि आने वाले शाही स्नान वसंत पंचमी के दौरान अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जाएंगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
मुख्यमंत्री का वीआईपी मूवमेंट रोकने का फैसला
बुधवार रात मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर श्रद्धालुओं की आवाजाही, सुरक्षा और सुविधाओं की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन मार्गों से श्रद्धालु आ रहे हैं, वहां पर्याप्त सुविधाएं होनी चाहिए। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि रास्ते में किसी भी श्रद्धालु को किसी तरह की असुविधा न हो। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अमृत स्नान और अन्य महत्वपूर्ण स्नान पर्वों के दौरान वीआईपी मूवमेंट पर रोक लगाने का फैसला किया गया है।
श्रद्धालुओं का आना जारी, न्यायिक आयोग ने शुरू की जांच
मौनी अमावस्या के बाद भी संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। गुरुवार को करीब दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, महाकुंभ में हुई भगदड़ की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने काम शुरू कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में आयोग की पहली बैठक गुरुवार को हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि शुक्रवार को आयोग प्रयागराज जाकर घटनास्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य और तथ्य जुटाएगा।
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सीएम योगी के निर्देश पर गृह विभाग ने इस हादसे की जांच के लिए आयोग का गठन किया था, जिसने 24 घंटे के भीतर अपनी कार्यवाही शुरू कर दी। आयोग के अध्यक्ष हर्ष कुमार ने सेवानिवृत्त आईपीएस वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस डीके सिंह के साथ बैठक की और तय किया कि प्राथमिकता के आधार पर जांच तेजी से पूरी की जाएगी। आयोग भगदड़ के कारणों और परिस्थितियों की पड़ताल करेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव देगा।
आयोग को मिला विशेष स्टाफ
जांच में तेजी लाने के लिए आयोग को विशेष स्टाफ मुहैया कराया गया है। सचिव के तौर पर एसीएम-2 अंकित कुमार और डीजीपी मुख्यालय की तकनीकी सेवा शाखा में तैनात डिप्टी एसपी हरिमोहन सिंह को तैनात किया गया है। इसके अलावा आयोग को एक निजी सचिव, एक अपर निजी सचिव, दो कंप्यूटर ऑपरेटर, तीन तृतीय श्रेणी और चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उपलब्ध कराए गए हैं।
सुरक्षा के लिहाज से आयोग के सभी सदस्यों को निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) भी दिए गए हैं। अब सबकी निगाहें न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो न केवल हादसे की वजहों को स्पष्ट करेगी, बल्कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए जरूरी सुझाव भी देगी।