गुरुवार को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने नई शिक्षा नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं की भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। 

गुरुवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने शिक्षा के मुद्दे को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आवास को घेरने की योजना की बनाई। इसके लिए दोपहर 12 बजे एनएसयूआई कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए। इस मौके पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया।

कांग्रेस नेताओं के संबोधित करने के बाद एनएसयूआई कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए निकले। पुलिस ने बैरिकेड्स के सहारे प्रदर्शनकारियों को रोकने की भी कोशिश की। रोके जाने के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई। झड़प के बाद पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज भी किया। लेकिन प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर जबरन बस में बिठा दिया। 

एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किए जाने को लेकर कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। कमलनाथ ने एक के बाद एक ट्वीट कर शिवराज सरकार को निशाने पर लिया। कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आदिवासी छात्रों की रुकी स्कॉलरशिप जारी करने व रोजगार देने की मांग को लेकर एवं शिक्षा बचाओ – देश बचाओ अभियान के तहत आज मध्यप्रदेश के छात्रों ने एनएसयूआई के बैनर तले मुख्यमंत्री आवास के घेराव का कार्यक्रम आयोजित किया था।

आगे कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हज़ारों छात्रों पर शिवराज सरकार के इशारे पर पुलिस ने बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, इस लाठीचार्ज में कई छात्र व एनएसयूआई के पदाधिकारी घायल हुए है। साथ ही उन्होंने लिखा कि सरकार छात्रों को रोजगार तो दे नहीं रही, उनकी मांग मान तो नहीं रही लेकिन उन पर बर्बर तरीके से लाठियां ज़रूर बरसा रही है, यह सरकार का तानाशाही रवैया है।