मध्यप्रदेश के इंदौर में प्रशासन ने गुरुवार को सांझा लोकस्वामी अखबार के मालिक और संपादक तथा हनी ट्रैप केस में आरोपी जीतू सोनी के बंगले को गिरा दिया। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में एक होटल समेत तीन और संपत्ति को भी आंशिक रूप से गिरा दिया। प्रशासन का यह कदम 48 घंटे की समय सीमा बीतने के बाद उठाया गया, जो उन्हें यह बताने के लिए दिया गया था कि भवन निर्माण अनुमति का उल्लंघन करने पर उनकी संपत्ति को क्यों न गिराया जाए।
सभी भवनों पर एक साथ हुई कार्रवाई : अधिकारियों ने बताया कि 24000 स्क्वायर फीट से अधिक की भूमि पर बना ‘जग विला’ में कई हिस्से हैं, जिसमें भवन निर्माण की अनुमति का उल्लंघन किया गया है। भवन गिराने वालों ने गुरुवार की सुबह कनाडिया रोड स्थित बंगला, दक्षिण टुकोगंज में बेस्ट प्लस 02 होटल, गीता भवन स्क्वायर स्थित माई होम और शहर की पैलेसिया क्षेत्र स्थित 02 केफे पर साथ-साथ कार्रवाई करना शुरू किया।
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कई बड़े लोगों के खिलाफ खबरें लिखी थीं : सोनी के अखबार ने बीजेपी नेता और पूर्व राज्य मंत्री लक्ष्माकांत शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रधान सचिव, और इंदौर म्यूनिसिपल कार्पोरेशन के सुप्रींटेंडेंट इंजीनियर हरभजन सिंह तथा हनी ट्रैप केस में आरोपी पांच महिलाओं में से दो के पति के खिलाफ खबरें प्रकाशित की थीं। उसने वादा किया था कि वह ऐसे ही कुछ और खुलासे करेगा। शनिवार रात जिला प्रशासन ने सभी चारों भवनों और प्रेस कांप्लेक्स के इवनिंगर आफिस में जांच अभियान चलाया।
आरोपी के खिलाफ आईटी एक्ट समेत कई मामलों में केस दर्ज था : सोनी के खिलाफ सबसे पहले हरभजन सिंह की शिकायत पर इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी के उल्लंघन पर केस दर्ज हुआ। वह और उसके परिवार के अन्य लोगों तथा सहयोगियों पर इसके बाद मानव तस्करी, जबरन वसूली, ब्लैकमेलिंग, लूट, धोखाधड़ी के साथ अन्य मामलों में केस दर्ज हुआ। सोनी फरार है, उसका लड़का अमित रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि माई होम के मैनेजर को दो दिन बाद गिरफ्तार किया गया। बुधवार को देर शाम बेस्ट वेस्टर्न में ठहरे लोगों को होटल खाली करने को कहा गया। माई होम पहले ही खाली करा लिया गया था।गिरवाने का काम कुछ घंटों के अंदर इंदौर प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ कर लिया। बेस्ट वेस्टर्न प्लस 02 के अवैध हिस्से को गिराने का काम गुरुवार को देर शाम हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद रोक दिया गया। कोर्ट ने मैनेजमेंट को कारण बताओ नोटिस देकर सात दिन के अंदर जवाब देने को कहा है।