MP Ex-Deputy CM Son Life Imprisonment: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के एक सेशन कोर्ट ने बुधवार को मध्य प्रदेश (अविभाजित) के पूर्व डिप्टी सीएम के बेटे को अपने छोटे भाई और उसके परिवार की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई। पूर्व उपमुख्यमंत्री प्यारेलाल कंवर के बेटे हरभजन कंवर और चार अन्य ने प्रॉपर्टी के विवाद को लेकर हरीश कंवर, उनकी पत्नी सुमित्रा कंवर और उनकी चार साल की मासूम बेटी याशिका की बेरहमी से हत्या कर दी।
इतना ही नहीं बुधवार को चार अन्य लोगों को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उनमें हरभजन की पत्नी धनकुंवर, उसके साले परमेश्वर कंवर और सुरेंद्र सिंह कंवर और परमेश्वर का दोस्त रामप्रसाद मन्नेवर का नाम शामिल है। कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता प्यारेलाल कंवर 1993 से 1998 तक दिग्विजय सिंह की सरकार के दौरान तत्कालीन अविभाजित मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम थे। साल 2011 में उनका निधन हो गया।
चेहरा पहचानने में पुलिस को हुई परेशानी
ये हत्याएं 21 अप्रैल 2021 को सुबह करीब 4.15 बजे हुईं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमला इतना क्रूर था कि हरीश और उसकी बेटी के चेहरे पहचानना भी बहुत ही मुश्किल था। हरीश ने धारदार हथियार से हमला किया। इस मामले की जांच करने वाले इंस्पेक्टर लखन लाल पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आरोपी अज्ञात थे। हमने आस-पास के सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया। इससे हमें पता चला कि आरोपी किस रास्ते से भागे थे।
उन्होंने बताया कि पहला सुराग उस वक्त मिला था जब हमें पता चला कि परमेश्वर का उसी रास्ते पर एक्सीडेंट हुआ था। उससे पूछताछ की गई और यह बिल्कुल साफ हो गया कि वह झूठ बोल रहा था। हमने उससे हत्या के बारे में पूछा और उसने बताया कि वह हरभजन का रिश्तेदार है। वह लगातार इनकार करता रहा, लेकिन जैसे-जैसे हमने सबूत इकट्ठा किए तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस ने मैसेज को पुख्ता सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया
पुलिस ने आरोपी हरभजन और परमेश्वर के बीच आदान-प्रदान किए गए मोबाइल फोन मैसेज को पुख्ता सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया। इस मैसेज में कहा गया था कि वह घर छोड़कर चले गए हैं और दरवाजा खुला छोड़ गए हैं। मैसेज में परमेश्वर से चाल साल की बच्ची की जान बख्शने का आग्रह किया गया था। परिवार के सदस्यों के बयान को दर्ज करने वक्त पुलिस को इस बात की जानकारी मिली कि हरभजन और हरीश के बीच में अक्सर प्रॉपर्टी को लेकर काफी विवाद होता था।
किस वजह से बढ़ी दुश्मनी
परिवार ने सरकार को जमीन का एक टुकड़ा बेचा था, लेकिन हरीश ने मुआवजे के पैसे और अपनी मां की पेंशन रख ली थी। इसके बाद में दुश्मनी बढ़ गई थी। यह एक परिवार के एक सदस्य और एक गवाह ने बताया है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि परमेश्वर का भी हरीश के साथ में विवाद चल रहा था। सरकारी वकील कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पुष्टि करते हुए बताया कि सभी पांचों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। बेंगलुरु मर्डर केस में मृतक महिला की मां ने बताई कहानी पढ़ें पूरी खबर…