किसानों का आंदोलन जारी है और 8 दिसंबर को किसानों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के समर्थन में भारत बंद का ऐलान भी किया है। 11 दिनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है। किसानों के समर्थन में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत कई क्षेत्रों से जुड़े नामचीन हस्तियों ने अपने बहुमूल्य अवार्ड वापस कर दिये हैं।
किसानों के समर्थन में अवार्ड वापसी को लेकर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल की भी प्रतिक्रिया आई है। कमल पटेल ने कहा है कि ‘अवार्ड पहले भी लौटाए गए हैं…इन लोगों ने कैसे अवार्ड हासिल किया? ‘भारत माता को गाली दो…देश के टुकड़े करो’ को अवार्ड मिलता है। अवार्ड पाने वाले यह कथित बुद्धिजीवी देशभक्त नहीं हैं। यहां आपको बता दें कि किसानों के समर्थन में कुछ दिनों पहले ही अवॉर्ड वापसी की शुरुआत हुई थी। सबसे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण सम्मान लौटाया, उसके बाद कुछ लेखकों की ओर से साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटाया गया।
बीते दिन बॉक्सर विजेंद्र सिंह भी किसानों का समर्थन करने सिंधु बॉर्डर पहुंचे थे। यहां विजेंद्र सिंह ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार ये कानून वापस नहीं लेती है तो वो अपना खेल रत्न वापस लौटा देंगे। विजेंद्र सिंह से पहले रेसलर द ग्रेट खली ने भी किसानों का समर्थन किया था और दिल्ली में प्रदर्शन करने की बात कही थी।
#WATCH Awards were returned earlier also. How have they got the awards? ‘Bharat mata ko gali do’,’desh ke tukde karo’ get the awards. These so-called awardees and intellectuals are not patriots: Madhya Pradesh Agriculture Minister & BJP leader Kamal Patel pic.twitter.com/7FhJWBH4LV
— ANI (@ANI) December 7, 2020
अवार्ड वापसी को लेकर गोल्डन गर्ल राजबीर कौर ओलंपियन दविंदर सिंह गरचा और ओलंपियन गुरमेल सिंह ने कहा हाल ही में कहा था कि वो अपने अवॉर्ड और मेडल वापस करने के लिए आज दिल्ली जाएंगे। खिलाड़ी जो अवार्ड वापस कर रहे हैं उनमें द्रोणाचार्य अवॉर्ड, अर्जुन अवॉर्ड, मेजर ध्यानचंद अवॉर्ड शामिल हैं।
नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को अब पंजाबी के मशहूर कवि सुरजीत पातर (Surjit Patar) का भी समर्थन हासिल हो गया है। पातर ने कहा है कि ‘मैं दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ केंद्र सरकार के व्यवहार से आहत हूं। लगातार प्रयासों के बावजूद अब तक किसानों के लिए कोई निर्णायक उम्मीद नहीं बन पाई है। इसी वजह से किसानों के समर्थन में मैं अपना पद्म श्री पुरस्कार वापस कर रहा हूं। ‘ बता दें कि कि सुरजीत पातर पंजाबी के मशहूर कवि हैं और उनकी कविताएं आम लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।
