हिंदुस्तान में लुंगी एक बेहद ही आरामदायक परिधानों में से एक है। दक्षिण से लेकर उत्तर भारत क लुंगी आम लोगों के लिए एक प्रचलित परिधान है। लेकिन, उत्तर प्रदेश में लुंगी प्रशासन की नज़र में चढ़ गई है। मसलन, नए ट्रैफिक रूल के हिसाब से उत्तर प्रदेश के ट्रक ड्राइवरों पर इसकी गाज जरूर गिर रही है। यूपी में यदि लुंगी पहनकर कोई ड्राइव करता पाया गया, तो उसका 2000 रुपये का चालान काट दिया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस की इस पहल से सबसे ज्यादा ट्रक-ड्राइवर निशाने पर हैं। मोटर व्हीकल एक्ट-2019 के मुताबिक ड्राइविंग के दौरान ड्रेस-कोड का भी पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि, ड्रेस कोड तो ट्रैफिक रूल में एक दशक से भी अधिक वक्त से था। लेकिन, इसे लागू नहीं किया जा रहा था।
नए ट्रैफिक नियम के मुताबिक ड्राइवर को अब पूरी लेंथ की पैंट, शर्ट या टी-शर्ट और जूते पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा स्कूली वाहनों के चालकों के लिए भी यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दिया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक लखनऊ के ASP (Traffic) पुर्णेंदू सिंह ने बताया कि ड्रेस कोड मोटर व्हीकल एक्ट में 1939 से ही शामिल किया गया है और जब इसे 1989 में संशोधित किया गया, तब इसके उल्लंघन पर 500 रुपये का जुर्माना रखा गया था। लेकिन अब जुर्माने की राशि 2,000 रुपये कर दी गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया है कि स्कूली वाहनों के ड्राइवरों को भी पूरे नियम-कायदे से गाड़ी चलानी होगी।
TOI के साथ बातचीत में यूपी के अडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर गंगाफल ने बताया कि कानून के मुताबिक ट्रक चालक, ट्रैक्टर चालक और भारी वाहन तथा हल्के कमर्शल वाहनों के चालकों का लुंगी पहनना वर्जित है। उन्हें लुंगी पहनकर ड्राइविंग की अनुमति बिल्कुल नहीं है। सभी का फुलपैंट, टीशर्ट या शर्ट पहनना अनिवार्य है। यह रूल उनके साथ बैठे हेल्पर या कंडक्टर पर भी लागू होता है। उन्होंने बताया कि सरकारी गाडियों को ड्राइवर अगर नियम तोड़ते पकड़े गए तो उन्हें भी बिल्कुल नहीं बख्शा जाएगा।