राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के छठे दिन रविवार को 114 कलशों के औषधियुक्त जल से प्रतिमा को स्रान कराया गया। यह पूजन सुबह नौ बजे से प्रारंभ हुआ जो पूरे दिन भर चलता रहा। विभिन्न तीर्थ से ले गए पवित्र जल से रामलला की मूर्ति का स्रान भी संपन्न हुआ। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में नित्य के पूजन हवन और पारायण के साथ आज की पूजा प्रक्रिया प्रारंभ हुई।
रामलला के विग्रह को आज मध्याधिवास में रखा गया। आज ही रात्रि जागरण का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा। चेन्नई, पुणे सहित अनेक स्थानों से मंगाए गए विविध फूलों से पूजन का अनुष्ठान संपन्न कराया जा रहा है। पूजा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के मुख्य यजमान अनिल मिश्रा सपत्नीक रहे। उनके साथ विश्व हिंदू परिषद के आर एन सिंह एवं अन्य लोग भी पूजा अनुष्ठान संपन्न करने में उपस्थित थे।
कल प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान दोपहर को अभिजीत मुहूर्त में संपन्न कराया जाएगा आज सायं आरती के बाद अस्थायी मंदिर से चल मूर्ति को गर्भ गृह में पहुंचाया जाएगा। सोमवार सुबह से दोनों चल और अचल मूर्तियों का पूजन कार्य प्रारंभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचल मूर्ति का नेत्र पर लगी हुई पट्टी को हटाएंगे तथा नेत्र मिलन का कार्यक्रम संपन्न करते हुए नेत्र में काजल लगाएंगे तथा वे दर्पण रखकर भगवान को निहारेंगे।
इसके बाद 56 प्रकार का भोग प्रभु श्री राम को लगाएंगे प्रधानमंत्री इसी के बाद प्रभु श्री राम की अचल मूर्ति का विधिवत दर्शन करेंगे और फिर आरती करके पूजन करेंगे। इनके बाद आरती को आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा ट्रस्ट के लोग आरती बारी-बारी से करेंगे । इस कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री जटायु राज को पुष्पांजलि भी समर्पित करने के बाद आमंत्रित अतिथियों को
संबोधित करेंगे।
राम नगरी के रंग, तीनों लोकों में उमंग
अयोध्या में रामोत्सव की धूम मची हुई है। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और समस्त क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों द्वारा भक्तिमय गीत संगीत और नृत्य के कार्यक्रम से प्रभु श्रीराम की आराधना की जा रही है। पहली प्रस्तुति में अयोध्या के कलाकार प्रमोद कुमार सिंह और दल से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। अवधी भाषा के भजनों पर दर्शक मगन होकर नृत्य करने लगे। दूसरी प्रस्तुति सिक्किम के लोक कलाकारों के दल ने की, कलाकारों के सधे नृत्य और उनकी मुस्कान ने पूरे वातावरण को राममय कर दिया।
इसके बाद जब गुजरात के कलाकार मंच पर आए और गुजराती लोकधुन पर तलवारबाजी के हैरतअंगेज कारनामे के साथ नृत्य किया तो तालियों से पूरा पांडाल गूंज गया। पारंपरिक परिधानों में हरियाणवी नृत्य ने सभी को मोह लिया। हिमाचल प्रदेश से आए लोक कलाकारों के अंग संचालन और ताल पर थिरकते उनके कदमों ने सभी को झूमने पर बाध्य कर दिया।
जम्मू कश्मीर की लोक धुन बजते ही वातावरण में भक्ति भाव घुल गया। इस दल ने डोगरी भाषा में गीतों, संवादों के साथ दर्शकों को अपने साथ जोड़ लिया किया। आंध्र प्रदेश के दल ने मार्शल आर्ट के साथ किया जाने वाला तपेट गुल्लू लोक नृत्य करके सभी को हतप्रभ कर दिया। कार्यक्रम का संचालन देशदीपक मिश्र ने किया।
अंत में कलाकारों को अंगवस्त्र और रामनामी देकर सम्मानित किया गया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि हम 23 जनवरी से नए उत्साह और नई प्रतिबद्धता के साथ अपना काम शुरू करेंगे। ताकि 2024 में पूरा मंदिर बनाया जा सके। मंदिर परिसर में सात और मंदिर बनाए जाने हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।